झारखंड की राजधानी रांची में जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी है. सोमवार को यहां छात्र झारखंड राज्य कर्मचारी आयोग के कार्यालय का घेराव करने जा रहे थे. छात्रों का कहना था कि परीक्षा में धांधली हुई है. इसलिए वह डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन का विरोध कर रहे थे. छात्रों के इस विरोध को देखते हुए जेएसएससी कार्यालय के बाहर 500 मीटर के परिधि में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी.

झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने इसी साल 21 और 22 सितंबर को सीजीएल की परीक्षा कराई थी. उस दौरान इंटरनेट बंद करा दिए गए थे. इसपर छात्रों ने ना केवल आपत्ति की थी, बल्कि धांधली होने का आरोप लगाते हुए खूब विरोध भी किया था. अब चूंकि आज से 20 दिसंबर तक आयोग ने कॉमन मेरिट लिस्ट से शॉर्टलिस्ट अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट का वेरीफिकेशन शुरू किया है. इसलिए पहले से आशंका थी कि छात्र बवाल कर सकते हैं. ऐसे में पहले से पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है.

सीएम ने दिए सीआईडी जांच के आदेश

इसी बीच छात्र नारेबाजी करते हुए आयोग के दफ्तर की ओर बढ़ने लगे. ऐसे में पुलिस ने नामकुम बाजार के पास उन्हें रोक लिया. बावजूद इसके छात्र नहीं माने तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया. जिसमें कई छात्र घायल बताए जा रहें हैं. इस दौरान पुलिस ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा(JLKM) के नेता देवेंद्रनाथ महतो समेत कई लोगों को हिरासत में भी लिया है. दूसरी ओर छात्रों के विरोध और माहौल को देखते हुए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मामले में हस्तक्षेप किया है. उन्होंने मामले की जांच सीआईडी से कराने के आदेश दिए हैं.

आयोग के सचिव ने किया प्रेस कांफ्रेंस

इस संबंध में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के सचिव सुधीर गुप्ता ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया है. उन्होंने बताया कि कॉमन मेरिट लिस्ट से शॉर्ट लिस्ट 2231 अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन 16 से 20 दिसंबर तक होना है. इसके लिए सभी को बुलाया गया है. इनमें से 2145 यानी 96% अभ्यर्थी झारखंड मूल के हैं. इनमें एसटी के लिए लगभग 30 फीसदी, एससी के लिए लगभग 12 फीसदी, अत्यन्त पिछड़ा के लिए 22 फीसदी और पिछड़ा वर्ग के लिए लगभग 19 प्रतिशत अभ्यर्थी शामिल हैं.