उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल विजय दिवस (शौर्य दिवस) पर आयोजित कार्यक्रम में शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री ने इस दौरान कारगिल के शहीदों के परिवारजनों को भी सम्मानित किया और 4 घोषणाएं की. मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध में मां भारती की रक्षा के लिये हमारे वीर जवानों ने पराक्रम और अदम्य साहस का परिचय दिया. इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला और निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध में जिस प्रकार की विपरीत परिस्थितियों में वीरता का परिचय देते हुए घुसपैठियों को सीमा पार खदेड़ा, उससे पूरे विश्व ने भारतीय सेना का लोहा माना. कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीर सैनिकों के बलिदान को राष्ट्र हमेशा याद रखेगा.

सीएम धामी ने चार घोषणा की

मुख्यमंत्री धामी ने घोषणा की है कि राज्य में शहीद सैनिकों के नाम पर मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की जायेगी. शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 2 साल से बढ़ाकर 5 साल किया जायेगा. शहीदों के आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ग और समूह घ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ग और समूह घ के पदों पर नियुक्ति प्रदान की जायेगी. सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जायेंगे.

सपूतों का बलिदान रहेगा याद

मुख्यमंत्री ने कहा कि कारगिल की यह विजय गाथा भी उत्तराखंड के वीरों के बिना अधूरी है और अपने 75 सपूतों का बलिदान ये वीर भूमि कभी नहीं भुलाएगी. जिस सांस्कृतिक परिवेश और विचारों ने हम सभी को पोषित किया है, उस संस्कृति में मान्यता है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक पुत्र होने के नाते उन्होंने बचपन से ही एक सैनिक और उसके परिवार के संघर्ष को देखा है. उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध के समय अटल बिहारी वाजपेयी जी प्रधानमंत्री थे. हमने युद्ध भी जीता और वैश्विक स्तर पर कूटनीति में भी जीते. अटल जी ने शहीदों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गाँव में राजकीय सम्मान के साथ करने की व्यवस्था की.

पीएम सैनिकों का बढ़ाते हैं मनोबल

सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री निरंतर सैनिकों के साहस और मनोबल को बढ़ा रहे हैं और यही कारण है कि सेना आज गोली का जवाब गोले से दे रही है. आज भी प्रधानमंत्री ने कारगिल वॉर मेमोरियल, लद्दाख में कारगिल विजय दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में आरक्षण का प्राविधान किया जायेगा, इसके लिए एक्ट लाया जायेगा.
इस मौके पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार पूर्व सैनिकों, शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण के प्रति वचनबद्ध है. शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकार द्वारा सेवायोजित किया जा रहा है. अभी तक 26 आश्रितों को सेवायोजित किया जा चुका है. उत्तराखंड सरकार द्वारा राज्य के वीरता पदक से अलंकृत सैनिकों को दी जाने वाली एकमुश्त धनराशि में वृद्धि की गई है. देहरादून के गुनियालगांव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में अत्याधुनिक एवं समस्त सुविधाओं युक्त शौर्य स्थल (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है जिसमे प्रदेश के समस्त शहीदों के नाम अंकित किये जायेंगें. उन्होंने कहा कि हर्बटपुर में सैनिक कल्याण का दूसरा कार्यालय खोला जा रहा है.

पूर्व सैनिकों ने कार्यक्रम में लिया हिस्सा

कार्यक्रम में सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, मेजर जनरल सम्मी सबरवाल (से.नि), लेफ्टिनेंट जनरल अश्वनि कुमार (से.नि), मेजर जनरल के.एस राणा (से.नि), ब्रिगेडियर कीर्ति बहल (से.नि), ब्रिगेडियर हरीश सेट्ठी (से.नि), निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल (से.नि), एमडी उपनल ब्रिगेडियर जे.एस. बिष्ट (से.नि), जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून अजय सिंह एवं अन्य सैन्य अधिकारी, पूर्व सैनिक और शहीदों के परिवार जन उपस्थित थे.
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक सविता कपूर, बृज भूषण गैरोला और निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी शहीद स्मारक पर कारगिल शहीदों को श्रद्धांजलि दी.