उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में आज यानि बुधवार को फायरिंग की घटना से दहशत फैल गई. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मेडिकल कॉलोनी में मामूली विवाद के बाद रजिस्ट्रार कार्यालय में तैनात कर्मचारियों के बीच फायरिंग हुई. गोली लगने से दो कर्मचारी घायल हो गए हैं. घायल कर्मचारियों को इलाज के लिए जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है. पुलिस अधिकारी फोर्स के साथ मेडिकल कॉलेज में मौजूद हैं. घटना की जानकारी ली जा रही है.

घटना थाना सिविल लाइन क्षेत्र की है. AMU के प्रॉक्टर प्रोफेसर मो. वसीम अली ने कहा- घायल नदीम और कलीम AMU कैंपस से जा रहे थे, तभी हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी. कलीम-नदीम आपस में भाई हैं. रजिस्ट्रार ऑफिस में दोनों तैनात हैं. हमलावरों के बारे में अभी पता नहीं चल पाया है. लेकिन वो यूनिवर्सिटी के छात्र या कर्मचारी नहीं हैं. लोगों ने बताया है कि 5 राउंड गोली चली है. वारदात के पीछे का मोटिव नहीं पता चला है. हमलावरों से पूछताछ की जा रही है.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

एएमयू में पहले भी ऐसी ही घटनाएं हो चुकी हैं. 2018 में कैंपस के आरएम हॉल में गोलीबारी की घटना हुई थी, जिसमें दो छात्र घायल हो गए थे, जो आपस में भाई थे. पीड़ितों की शिकायत के आधार पर पुलिस में मामला दर्ज किया गया था. हमलावर कथित तौर पर अन्य छात्रों से तीन लाख रुपये की रंगदारी मांग रहे थे. जब मांग पूरी नहीं की गई, तो हमलावरों ने चाकुओं और बंदूक की बटों से हमला कर दिया. यह भी आरोप लगाया गया कि हमलावरों ने कुछ छात्रों को जबरन जिन्ना विवाद पर विरोध प्रदर्शन में शामिल करने की कोशिश की और मना करने पर उन्हें गोली मार दी.

पिछले साल AMU कैंटीन में फायरिंग

पिछले साल सितंबर में भी AMU के जवाहरलाल नेहरू (JN) मेडिकल कॉलेज में फायरिंग की घटना हुई थी. हमलावर कथित तौर पर कैंटीन संचालक से साप्ताहिक भुगतान मांग रहे थे. जब संचालक ने मना कर दिया तो हमलावरों ने फायरिंग कर दी. यह घटना जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के स्पेशल वार्ड के पास कैंटीन के बाहर हुई, जिससे वहां मौजूद लोगों में दहशत फैल गई. आधा दर्जन से ज्यादा गोलियां चलीं, जिसमें एक महिला घायल हो गई. बताया जा रहा है कि कैंटीन के मुद्दे पर पहले भी विवाद और फायरिंग हो चुकी है.