जालंधर: महानगर जालंधर का एवरेज ए.क्यू. आई. (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 251 दर्ज किया गया है, जबकि अधिकतम स्तर 325 को पार करते हुए खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिसके चलते सावधानी अपनाना जरूरी हो चुका है। वहीं, न्यूनतम ए, क्यू. आई. (हवा में प्रदूषण का स्तर) 54 दर्ज किया गया है, जोकि रात के समय में होता है।
इसी तरह से पहाड़ों में होने वाली बर्फबारी के चलते पंजाब सहित पड़ोसी राज्यों के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है। मौसम विज्ञान विभाग के चंडीगढ़ केन्द्र द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक जालंधर का अधिकतम तापमान 26 डिग्री रिकार्ड हुआ है जबकि न्यूनतम तापमान 9 डिग्री तक गिर चुका है जिसके चलते ठंड बढ़ने लगी है। इसी तरह से अगले 1-2 दिनों तक तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी। वहीं, मौसम विभाग द्वारा धुंध के चलते 22 व 23 नवम्बर को पैलो अलर्ट घोषित किया है, जिसके चलते सावधानी अपनानी चाहिए। पिछले कुछ दिनों के दौरान धुंध के चलते कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं, जिसके चलते सुबह के समय विशेष ध्यान रखना जरूरी हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश के बाद ए.क्यू.आई. में सुधार देखने को मिलता है, लेकिन महानगर में आने वाले 1-2 दिनों तक बारिश होने की संभावना बेहद कम है, जिसके चलते अगले कुछ दिनों तक हवा के प्रदूषण का सामना करना पड़ेगा। प्रदूषण क्वालिटी इंडैक्स में सुधार होने तक खुलकर ठंड पड़ने का इंताजर करना पड़ेगा। वहीं आने वाले दिनों बारिश पड़ने के बाद ए.क्यू. आई. में सुधार होने के अनुमान है।
आंखों के लिए घातक है प्रदूषण: धुंध में प्रदूषण होता है जिससे आंखों में जलन होने की समस्या पेश आने की संभावना रहती है। आंखों से संबंधित किसी भी तरह की परेशानी से गुजर रहे व्यक्ति को विशेष ध्यान रखना चाहिए क्योंकि हवा में प्रदूषण बढ़ने के कारण आंखों की झिल्लियों में समस्या हो सकती है। इसके चलते आंखों में लालिमा या सूजन हो जाती है। चेहरा ढकने के साथ-साथ गागल्ज के इस्तेमाल पर ध्यान देना चाहिए।
धुंध और प्रदूषण का दोहरा असर, मास्क की सलाह
सुबह की सर्द हवाओं के साथ- साथ अब धुंध भी बढ़ रही। विशेषज्ञों ने बताया है कि इस धुंध में जहरीले कण मौजूद हैं, जो सांस लेने में मुश्किल पैदा कर सकते हैं। शहरवासियों को मास्क पहनने और सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। इस समय मौसम का मिजाज भी बदला हुआ था। पहाड़ों की बर्फबारी का असर जालंधर में देखने को मिल रहाहै। अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट की उम्मीद की जा रही है। इस समय हवा में जो प्रदूषण है वह फेफड़ों में जाकर उन्हें अवरूद्ध करता है जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता कम होती है और स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि होती है। वहीं, धुंध के बीच खांसी और स्वास्थ्य संबंधी बीमारियों वाले रोगियों को बेहद जरूरी होने पर ही बाहर निकलना चाहिए। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस से पीड़ित लोगों पर इसका प्रभाव पड़ता है। लंबे समय तक धुंध के संपर्क में आने से सांस संबंधी समस्या उजागर हो सकती है।