महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की सभी रैलियां रद्द हो गई हैं. केंद्रीय गृह मंत्री नागपुर से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. दरअसल, शाह आज महाराष्ट्र में चार जनसभाओं को संबोधित करने वाले थे लेकिन अचानक से ये खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, मणिपुर हिंसा की वजह से उनका यह चुनावी दौरा रद्द हो गया. शाह लगातार मणिपुर के हालात पर नजर रखें हैं और उच्चाधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं.
अमित शाह गढ़चिरौली, वर्धा, काटोल और सांवेर में चुनावी जनसभा करने वाले थे. शाह की जगह अब स्मृति ईरानी इन जगहों पर चुनावी जनसभा करेंगी. महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान है. 288 सीटों पर एक ही चरण में वोटिंग होगी. कल चुनाव प्रचार थम जाएगा. ऐसे में आज शाह ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार करने वाले थे लेकिन मणिपुर हिंसा के कारण अचानक उनकी सभी रैलियां रद्द हो गईं.
महाराष्ट्र में इस बार की लड़ाई महा विकास अघाड़ी बनाम महायुति है. महा विकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे की शिवसेना, शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस शामिल है, जबकि महायुति में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी शामिल है. 2019 के विधानसभा चुनाव में अजित महायुति का हिस्सा नहीं थे. मगर इस बार वह बीजेपी के साथ में है. बीजेपी का दावा है कि महायुति महाराष्ट्र में फुल मेजोरिटी के साथ सरकार बनाएगी. हालांकि, बीजेपी के इस दावे में कितनी सच्चाई है, यह 23 नवंबर को ही पता चलेगा.
‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान पर सियासत तेज
इससे पहले महाराष्ट्र की सियासत में इस समय सीएम योगी के ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ वाले बयान की सबसे अधिक चर्चा हो रही है. इसको लेकर सियासत थोड़ी सी गरमा भी गई है. कुछ नेता इसके सपोर्ट में हैं तो कुछ इसका जबरदस्त विरोध कर रहे हैं. महायुति के ही कुछ नेता इस बयान का विरोध कर रहे हैं. अजित पवार ने खुद इस पर आपत्ति जताई थी.
उन्होंने कहा कि ये सब नॉर्थ में चलता होगा, हमारे महाराष्ट्र में नहीं चलेगा. महाराष्ट्र आंबेडकर के संविधान से चलता है. महाराष्ट्र फुले, शाहू, आंबेडकर की विचारधारा से चलता है. ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ जैसी बात यहां नहीं चलेगी. वहीं, अजित पवार को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अजित पवार दशकों तक हिंदू विरोधियों के साथ रहे हैं. इस नारे में कुछ भी गलत नहीं, उन्हें समझने में थोड़ा समय लगेगा.
मणिपुर में फिर भड़की हिंसा
मणिपुर एक बार फिर हिंसा की आग में जल रहा है. स्थिति फिर से तनावपूर्ण हो गई है. गुस्साई भीड़ ने इंफाल में मंत्रियों और विधायकों के घर में आग लगा दी. उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. हालात अभी भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. पूरे इलाकों में जवानों की तैनाती की गई. जिरी नदी से तीन शव मिलने के बाद लोगों में गुस्सा फूट गया. इसी को लेकर नाराज लोगों ने मंत्री के घर का रुख किया लेकिन जब उन्हें पता चला कि मंत्री जी राज्य में नहीं है. इसके बाद नाराज लोगों ने घर में तोड़ फोड़ और आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया.