इंदौर। छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को दो पक्षों के बीच हुआ विवाद अभी भी शांत होता नजर नहीं आ रहा है। शनिवार को सोशल मीडिया पर एक फोटो विधायक के पुत्र संस्था हिंद रक्षक के एकलव्य सिंह गौड़ ने साझा करते हुए लिखा- इंदौर के कागदीपुरा क्षेत्र में एक मस्जिद पर लगा गजवा-ए-हिंद के आतंक को दर्शाता पोस्टर प्रशासन की शांति व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रहा है।

जिहादी मानसिकता द्वारा शहर को आतंकित करने के मंसूबों से लगाए गए इस पोस्टर की अनुमति आखिर किसने दी? प्रशासन से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। गौड़ ने बताया कि कागदीपुरा की मस्जिद पर पोस्टर लगा हुआ है, जिसमें युद्ध का दृश्य दिखाया गया है। इधर इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पोस्टर हटवा दिया है।

यह चेतावनी है

इसमें सामने की तरफ सेना बताई है जो भगवा झंडे लिए हुए है। यह सनातन धर्म को चेतावनी है। इसके खिलाफ ही युद्ध बताया गया है। साथ ही बताया कि इस्लाम में विश्व को दो हिस्सों में बांटा गया है। एक दारुल इस्लाम, यह वह दुनिया है जिसमें सभी व्यक्ति इस्लाम को स्वीकारें। जहां दारुल इस्लाम नहीं है, वहां ये फतह करना चाहते हैं, जिसे दारुल हरब कहा जाता है।

गजवा-ए-हिंद मतलब हिंद के खिलाफ उन्हें अपना शासन स्थापित करना है। एक अभियान चलाया जा रहा है। इसे छोटी हरकत नहीं मानना चाहिए, यह हमारे लिए संदेश है। इस तरह की हरकत बिल्कुल बर्दाश्त नहीं है। पहले भी थाने में इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

यह है गजवा का अर्थ जानकारी अनुसार गजवा-ए-हिंद में गजवा का अर्थ ‘इस्लाम को फैलाने के लिए की जाने वाली जंग’ होता है। इस युद्ध में शामिल इस्लामिक लड़ाकों को ‘गाजी’ कहा जाता है। मोटे तौर पर गजवा-ए-हिंद के मायने भारत में जंग के जरिए इस्लाम की स्थापना करने से है।

इधर, छत्रीपुरा थाना क्षेत्र में शुक्रवार को पटाखे फोड़ने की मामूली बात पर हुए विवाद में पुलिस ने आरोपित शानू और सलमान के खिलाफ रासुका लगाई है। मामले में 14 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज हुआ है। इनमें से चार पुलिस की गिरफ्त में हैं। अन्य फरार आरोपितों की तलाश में पुलिस लगातार दबिश दे रही है। उनके रिश्तेदारों की जानकारी जुटाकर वहां भी टीम पहुंच रही है। शनिवार को भी घटना स्थल के आसपास पुलिस बल तैनात रहा।