हाथरस हादसे के बाद पहली बार बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा सामने आया है. बाबा सूरजपाल ने कहा कि घटना के बाद से दुखी हूं. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि हादसे के जिम्मेदार उपद्रवी छोड़े नहीं जाएंगे. भोले बाबा ने कहा कि प्रशासन पर भरोसा बनाए रखें. इस दुख की घड़ी में लड़ने की शक्ति दें. न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में बाबा सूरजपाल ने कहा कि 2 जुलाई की घटना के बाद मैं बहुत दुखी हूं. भगवान हमें इस दर्द को सहने की शक्ति दें. कृपया सरकार और प्रशासन पर भरोसा रखें.

बाबा सूरजपाल ने कहा कि मुझे विश्वास है कि जिसने भी अराजकता फैलाई है, उसे बख्शा नहीं जाएगा. मैंने अपने वकील एपी सिंह के माध्यम से समिति के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे शोक संतप्त परिवारों और घायलों के साथ खड़े रहें और जीवन भर उनकी मदद करें. भोले बाबा के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी.

हादसे के 4 दिन बाद सामने आया बाबा सूरजपाल

हाथरस हादसे के बाद से ही बाबा सूरजपाल गायब था. हाहाकारी घटना के चार दिन बाद वो पहली बार सामने आया है. हालांकि, हादसे के करीब 30 घंटे बाद बाबा का एक लिखित बयान सामने आया था, जिसमें उसने मृतकों के खिलाफ दुख जताया था और घायलों को जल्द ठीक होने की कामना की थी. गुरुवार को जारी अपने लिखित संदेश में बाबा सूरजपाल कहा था कि कुछ अराजक तत्वों ने ये भगदड़ मचाई, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ.

हाथरस की घटना से पूरे देश को हिलाकर रख दिया

हाथरस की इस ह्रदय विदारक घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया है. कोर्ट के कामकाज को देखने के लिए बाबा सूरजपाल ने सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सिंह को हायर किया था. ये वही एपी सिंह हैं, जिन्होंने निर्भया कांड के आरोपियों, सीमा हैदर, 2020 हाथरस कांड के आरोपियों का केस लड़ा था. उधर, हादसे के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया गया है.

बाबा के पास करोड़ों का साम्राज्य, कई राज्यों में अनुयायी

नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के पास करोड़ों का साम्राज्य है. कई राज्यों में बाबा सूरजपाल का आश्रम है. सूरज पाल खुद को भगवान का सेवक बताता है. भक्त उसे भगवान का अवतार मानते हैं. भोले बाबा जाटव समाज से ताल्लुक रखता है. गरीब तबकों में उसका ज्यादा भक्त है. एसटी-एसटी और ओबीसी समुदाय में उसकी गहरी पैठ है.

हाथरस, एटा, आगरा, मैनपुरी और शाहजहांपुर में उसका खासा प्रभाव है. यूपी, एमपी, राजस्थान में उसके काफी अनुयायी हैं. दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड में भी उसकी पैठ है. हर सत्संग में लाखों की भीड़ होती है. उत्तर प्रदेश में बाबा के करीब 25 आश्रम हैं.