कोलकाता रेप-मर्डर केस के मामले में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर और ममता बनर्जी की सरकार के बीच ठन गयी है. न्याय की मांग पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने हड़ताल समाप्त करने का आह्वान किया है. राज्य के मुख्य सचिव मनोज मंत ने गुरुवार को आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों को नबान्न बातचीत के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन दो घंटे 10 मिनट तक ममता बनर्जी के इंतजार करने के बावजूद जब डॉक्टर्स बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए तो ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों से माफी मांगीं और डॉक्टरों से अपील की कि डॉक्टर्स काम पर लौट आएं.

उन्होंने कहा कि वे न्याय लेने नहीं आये. उन्हें कुर्सी चाहिए. मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने को तैयार हूं. मुझे मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए. मैं चाहती हूं कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए. आम लोगों का न्याय किया जाना चाहिए.

जूनियर डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नबान्न पहुंचा, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर बातचीत लाइव टेलीकास्ट की मांग करते रहे, लेकिन राज्य प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया है. इससे बातचीत को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ है. बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में लेडी डॉक्टर की रेप और मौत के मामले पर बवाल मचा हुआ है.

  • ममता बनर्जी ने कहा कि 27 लोगों की बिना चिकित्सा की मौत हो गयी है. मेरा दिल सभी के लिए रो रहा है. डॉक्टर को हम भगवान मानते हैं. उन्होंने कहा कि दो घंटे इंतजार की, लेकिन नहीं आये. बुधवार को भी इंतजार किया था. मैं इसे अंहकार के रूप में नहीं देखती हूं. कई सीनियर्स डॉक्टर कष्ट के साथ ड्यूटी कर रहे हैं.
  • ममता बनर्जी ने कहा कि मैं दो घंटे से इंतजार कर रही हूं. नबान्न के गेट से नहीं आये. मैं कुछ नहीं कहूंगी और क्षमता करती हूं और डॉक्टर्स हड़ताल वापस लें.
  • ममता बनर्जी ने कहा कि हम लोगों ने उच्च अधिकारियों के साथ तीन दिन तक इंतजार किया है. हम लोग न्याय चाहते हैं. हम लोग आम लोगों के ट्रीटमेंट के लिए न्याय चाहते हैं.
  • उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद तीन दिन बीत गये हैं, लेकिन वे लोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, लेकिन धर्य करने की भी एक सीमा है. लेकिन वह आग्रह करती हैं कि डॉक्टर ड्यूटी में ज्वाइन हो. बाहर से निर्देश आ रहे हैं. वे निर्देश दे रहे हैं कि बातचीत नहीं करें. मीटिंग नहीं करें. मैं राज्य के लोगों से क्षमा मांगती हूं. यूपी में छह माह तक रैली बैन कर दिया गया था.

इस बीच, सीएम ममता बनर्जी ने नबान्न स्थित सभागार में पहुंची हैं और वह डॉक्टरों की प्रतीक्षा कर रही हैं, लेकिन डॉक्टर अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

डॉक्टरों से बातचीत के लिए ममता कर रहीं प्रतीक्षा

इस बीच, टीएमसी की ओर से सीएम ममता बनर्जी की नबान्न सभागार में इंतजार करते हुए तस्वीर पोस्ट की है. टीएमसी की ओर से कहा गया है कि सफलता केवल संवाद के माध्यम से ही मिल सकती है. पश्चिम बंगाल सरकार ने सहयोगात्मक चर्चा की दिशा में कई कदम उठाए हैं.

मुख्यमंत्री डॉक्टरों की सुरक्षा और संरक्षा पर समग्र चर्चा के लिए नबान्न में प्रतीक्षा कर रही हैं, लेकिन, ऐसा लगता है कि जूनियर डॉक्टर प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं.

इस बीच, डीजी राजीव कुमार ने कहा, ”किसी भी औपचारिक बैठक या चर्चा को लाइव स्ट्रीम नहीं किया जा सकता है. मुख्य सचिव मनोज पंत ने भी लाइव स्ट्रीम करने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि सरकार लोगों को जो बताना चाहती है, वही लाइव स्ट्रीमिंग की जाती है. चर्चा का सीधा प्रसारण संभव नहीं है.

सरकार का इनकार, जूनियर डॉक्टर्स अड़े

मुख्य सचिव ने डीजी को अपने पक्ष में करते हुए समझाया कि बैठक की जानकारी लोगों को देने के लिए सरकार लाइव नहीं होगी. यह संभव नहीं है. मुख्यमंत्री करीब डेढ़ घंटे से चर्चा के लिए हॉल में मौजूद हैं. मुख्य सचिव ने टिप्पणी की कि इसकी एक सीमा है.

दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी छात्र भी नबान्न में जमे हुए हैं. आंदोलन कर रहे डॉक्टरों की मांग है कि जब-तक मीटिंग की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होगी. वे लोग चर्चा में हिस्सा नहीं लेंगे. प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स नबान्न में हैं और दोनों पक्षों की ओर से बैठक के लिए इंतजार किया जा रहा है. डॉक्टरों ने साफ कहा है कि यदि उन लोगों की मांगें नहीं मानी गई तो वे लोग वापस लौट जाएंगे.