पश्चिम बंगाल की टीएमसी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. पार्टी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने इस्तीफा दे दिया है. जवाहर सरकार का यह इस्तीफा कोलकाता रेप-मर्डर केस के विरोध में सामने आया है. उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को चिट्ठी लिख कर इस्तीफा देने का ऐलान किया.

जवाहर सरकार ने कहा, मैं जल्द राज्यसभा के चेयरमैन को अपना इस्तीफा सौंपने दिल्ली जाऊंगा और राजनीति से भी खुद को पूरी तरह अलग कर लूंगा. साथ ही चिट्ठी में जवाहर सरकार ने कहा, कोलकाता रेप मर्डर केस के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

जवाहर सरकार ने क्यों दिया इस्तीफा?

जवाहर सरकार ने इस्तीफा देने के पीछे की वजह बताते हुए कहा, जब से कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म हुआ है, मैं तब से खामोशी से पीड़ा-दर्द का सामना कर रहा हूं. साथ ही उन्होंने कहा, मैं उम्मीद कर रहा था कि आप (सीएम ममता बनर्जी) पुराने स्टाइल वाली सीएम ममत बनर्जी की ही तरह कोलकाता रेप केस के बाद प्रदर्शन करने वाले जूनियर डॉक्टर के साथ खड़ी होंगी और मामले में हस्तक्षेप करेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है.

“सरकार ने कदम उठाने में देर कर दी”

जवाहर सरकार ने कहा, कोलकाता रेप केस के मामले में सरकार जो भी कदम उठा रही है वो काफी कम है और यह कदम सरकार ने उठाने में काफी देर कर दी. अपनी चिट्ठी में ममता सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा मुझे लगता है, राज्य में हालात बहुत पहले ही सामान्य हो जाते अगर जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म होने के फौरन बाद सरकार भ्रष्ट डॉक्टरों पर एक्शन लेती और दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाती.

पहले ही देने वाले थे इस्तीफा

जवाहर सरकार ने न सिर्फ टीएमसी पार्टी से इस्तीफा दिया है, बल्कि उन्होंने साथ ही इस बात का ऐलान भी कर दिया है कि अब वो राजनीति से भी पीछे हट रहे हैं. जवाहर सरकार ने अपनी चिट्ठी में जहां एक तरफ ममता सरकार का आभार व्यक्त किया. वहीं दूसरी तरफ एक और खुलासा किया. उन्होंने बताया कि वो आज (2024) से पहले ही एक बार पार्टी को इस्तीफा सौंपने का मन बना चुके थे.

जवाहर सरकार ने बताया कि साल 2022 में जब पार्टी के शिक्षा मंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और समाचारों में उनके खिलाफ सबूत साफ दिखाए जा रहे थे, उस समय भी मैंने बयान जारी कर कहा था कि पार्टी को भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कदम उठाना चाहिए. लेकिन, मुझे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने घेर लिया था. मैंने तब इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि आप (सीएम ममता बनर्जी) ‘कट मनी’ और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना सार्वजनिक अभियान जारी रखेंगी, जो आपने एक साल पहले शुरू किया था. उन्होंने कहा, लेकिन मैं पार्टी में देश के लिए काम करने के लिए बना रहा.

TMC नेता कुणाल घोष ने क्या कहा?

टीएमसी पार्टी के नेता कुणाल घोष ने राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार के इस्तीफे पर कहा, मौजूदा समय में हम ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के नेतृत्व में सैनिकों की तरह काम कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जवाहर सरकार के व्यक्तिगत सिद्धांत की आलोचना करता हूं, ऐसा नहीं है, यह उनका फैसला है, वह इसे ले सकते हैं.

हम इस(आरजी कर) घटना की निंदा करते हैं, लोग इस घटना को लेकर आक्रोशित हैं, वे प्रशासन को गलत समझ रहे हैं. ऐसे में पार्टी के सैनिक के तौर पर हमें लोगों को समझाने की कोशिश करनी होगी, हम अपने सैनिक की भूमिका का पालन करेंगे. अगर जवाहर सरकार कोई और फैसला लेते हैं, वह बहुत वरिष्ठ और समझदार व्यक्ति हैं, उनके अलग सिद्धांत हैं, तो हमारा शीर्ष नेतृत्व इस पर विचार करेगा, हम इस पर कुछ नहीं कह सकते.