जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सीट शेयरिंग की घोषणा की है. समझौते के तहत फारूक अब्दुल्ला की पार्टी 50 और कांग्रेस 32 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. 6 सीटों पर दोनों पार्टियों में दोस्ताना लड़ाई होगी. जिन 6 सीटों पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस में फ्रेंडली फाइट होनी है, उनमें डोडा, देवसर, बनिहाल और भदरवाह की सीट प्रमुख हैं.

कहा जा रहा है कि इन सीटों पर दावेदारी वापस लेने से दोनों पार्टियां पीछे नहीं हट रही थी, जिसके बाद फ्रेंडली फाइट का फैसला किया गया. जम्मू-कश्मीर विधानसभा की 90 सीटों के लिए 3 चरणों में चुनाव प्रस्तावित हैं. 4 अक्टूबर को चुनाव के नतीजे आएंगे.

जिन सीटों पर फ्रेंडली फाइट, वहां कौन मजबूत

शुरुआत रामबन की बनिहाल सीट से

रामबन जिले की बनिहाल सीट पर शुरू से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस अपना-अपना दावा कर रही थी. कांग्रेस ने यहां से पूर्व अध्यक्ष विकास रसूल वानी को मैदान में उतारा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस से सज्जाद शाहीन मैदान में हैं.

बनिहाल सीट पर अब तक 9 बार विधानसभा के चुनाव कराए गए हैं. इनमें से 3 बार कांग्रेस और 4 बार नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जीत हासिल की है. 2008 और 2014 के चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के विकास रसूल वानी ने ही जीत हासिल की.

इस चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस के सज्जाद शाहीन तीसरे नंबर पर थे. बनिहाल विधानसभा सीट उधमपुर लोकसभा में है और यहां पर इस बार कांग्रेस के लाल सिंह ने चुनाव लड़ा था. हालांकि, वे बीजेपी के जितेंद्र सिंह 1 लाख 24 हजार वोट से हार गए थे.

डोडा और डोडा वेस्ट में फ्रेंडली फाइट

नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस डोडा और डोडा वेस्ट की विधानसभा सीट पर भी फ्रेंडली फाइट यानी दोस्ताना लड़ाई के साथ मैदान में उतरेगी. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने डोडा से खालिद नजीब को उतारा है. पार्टी की तरफ से डोडा वेस्ट पर अभी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है. जम्मू कश्मीर की यह सीट हाल ही में परिसीमन के बाद गठित की गई है.

कांग्रेस ने डोडा से शेख रयाज और डोडा वेस्ट से प्रदीप भगत को मैदान में उतारा है. बात डोडा सीट की करें तो यहां पर पिछली बार बीजेपी के शक्ति राज को जीत मिली थी. कांग्रेस के उम्मीदवार यहां दूसरे नंबर पर और नेशनल कॉन्फ्रेंस के तीसरे नंबर पर रहे थे.

2008 में डोडा सीट पर कांग्रेस के अब्दुल माजिद वानी ने जीत हासिल की थी. डोडा सीट भी उधमपुर लोकसभा के अधीन ही है.

भदरवाह में भी आमने-सामने की लड़ाई

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस भदरवाह सीट पर भी आमने-सामने की लड़ाई लड़ेगी. कांग्रेस ने भदरवाह में नदीम शरीफ और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने महबूब इकबाल को यहां से प्रत्याशी बनाया है. जम्मू-कश्मीर की यह सीट गुलाम नबी आजाद के वजह से जानी जाती है. आजाद मुख्यमंत्री रहते इसी सीट से विधायक थे.

हालांकि, वर्तमान में आजाद नई पार्टी बनाकर खुद मैदान में हैं. 2014 में इस सीट पर बीजेपी के दलीप सिंह ने जीत हासिल की थी. यहां पर अब तक हुए चुनाव में 9 बार कांग्रेस को ही जीत मिली है. यह सीट भी उधमपुर लोकसभा सीट के ही अधीन है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस का यहां पर दूसरे-तीसरे नंबर की लड़ाई में ही रही है.

देवसर में भी दोनों ने उतारे उम्मीदवार

जम्मू-कश्मीर की देवसर सीट पर भी कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने प्रत्याशी उतार दिया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने देवसर से पीरजादा फिरोज को तो कांग्रेस ने अमानुल्लाह मंटू को यहां से सिंबल दिया है. 2002 तक अनंतनाग-राजौरी लोकसभा के अधीन इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का दबदबा रहा है.

हालांकि, 2014 में यहां से कांग्रेस के टिकट पर आमिन भट्ट ने जीत हासिल की थी. भट्ट ने पीडीपी उम्मीदवार सरताज मदनी को हराया था. नेशनल कॉन्फ्रेंस के पीरजादा अहमद तीसरे नंबर पर रहे थे.