ग्वालियर। हिंदू धर्म में जन्माष्टमी का त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। पंडित घनश्याम शास्त्री बताते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस साल 26 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा। देशभर में जन्माष्टमी का उत्सव बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन लोग व्रत रखते हैं और रात में 12 बजे कृष्ण भगवान की पूजा करते हैं और अपना व्रत खोलते हैं। इस दिन घर से लेकर मंदिरों तक उत्सव का माहौल होता है और मध्य रात्रि में कान्हा के जन्म के साथ जय श्री कृष्ण की गूंज सुनाई देती है। कान्हा के जन्म के साथ भक्त उन्हें 56 तरह का भोग भी लगाते हैं।

कान्हा का पसंदीदा भोग लगाएं

  • शास्त्रीजी ने कहा कि जन्माष्टमी के दिन कान्हा को उनके पसंदीदा चीजों का भोग अवश्य लगाना चाहिए। इससे उनकी कृपा हमेशा भक्तों पर बनी रहती है। भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म लड्डू गोपाल स्वरूप में होता है। यह भगवान का बाल रूप है, इसलिए उनके जन्म के समय उन्हें माखन और मिश्री का भोग लगाना चाहिए। इससे वो बेहद प्रसन्न होते हैं, अगर आए दिन घर में लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं।
  • घर की शांति भंग हो गई है तो जन्माष्टमी की शाम को यह उपाय कर सकते हैं। जन्माष्टमी की शाम घर में तुलसी के पौधे के पास एक घी का दीपक जलाएं। इसके बाद ‘ऊं नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करते हुए तुलसी की 21 बार परिक्रमा करें। इससे आपके घर में सुख-शांति आएगी। घर में क्लेश होने बंद हो जाएंगे। परिवार में खुशहाली आएगी। साथ ही तरक्की भी होगी।

श्रीकृष्ण को पीले फूलों की माला चढ़ाएं

  • हर व्यक्ति चाहता है कि उसके पास पैसों की कभी कमी न हो, वह दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की करें। अगर आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो इसके लिए आप एक उपाय कर सकते हैं। जन्माष्टमी के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर किसी भी राधा-कृष्ण के मंदिर में जाएं और श्रीकृष्ण भगवान को पीले फूलों की माला चढ़ाएं।
  • कहते हैं इससे धन-लाभ के योग बनने लगते हैं और आर्थिक समस्या दूर होने लगती है। इसके साथ ही जन्माष्टमी के दिन किसी मंदिर में पीले रंग के कपड़े, फल, अनाज आदि का दान करना भी शुभ होता है।