जबलपुर। गोरी और चिकनी त्वचा की चाहत में झोलाछाप से उपचार कराने पर चेहरा बिगड़ रहा है। ब्यूटी पार्लर में त्वचा से दाग-धब्बे हटाने के लिए मनमानी क्रीम का उपयोग गंभीर संक्रमण का कारण बन रहा है। नगर में चर्म रोग विशेषज्ञों के क्लीनिक में प्रतिदिन त्वचा एवं केश संबंधी समस्या से पीड़ित व्यक्ति स्थिति बिगड़ने पर पहुंच रहे हैं।

इसमें अधिकतर ऐसे मरीज हैं जो अपना सौंदर्य निखारने के लिए झोलाछाप चिकित्सक या ब्यूटी पार्लर में गए थे। जहां, धड़ल्ले से मरीजों को दूसरी पैथी की दवा और उपचार पद्धति का उपयोग हो रहा है। अतिरिक्त मात्रा में स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक दिए जाने से मरीज स्वास्थ्य संबंधी समस्या से घिर रहे हैं। इन्हें त्वचा, फेफड़ों से लेकर रक्त संबंधी गंभीर संक्रमण की आशंका बन रही है।

हाल में आए कुछ मामले….

  • 40 वर्षीय एक महिला की आंख के पलकों पर पाइोजेनिक ग्रैनुलोमा था। नीम-हकीम ने एक मसा नाशक लोशन दिया। दूधवाले ने मसा के नीचे एक बाल बांध दिया। कुछ दिन में यह गंभीर घाव बन गया। इसे बाद में रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन से हटाया गया।
  • 26 वर्षीय एक युवती का रंग सांवला था। विवाह से पहले उसने गोरी त्वचा के लिए एक स्किन क्लीनिक में संपर्क किया। जहां, अनाड़ी डाॅक्टर के लेजर ट्रीटमेंट से युवती की त्वचा जल गई। विवाह से तीन दिन पहले खराब हुई त्वचा को अब ठीक होने में तीन वर्ष लग जाएंगे।
  • एक 58 वर्षीय महिला अपना चेहरा की त्वचा पर निखार के लिए एक ब्यूटी पार्लर से क्रीम लेकर उपयोग कर रही थी। लगभग 15 वर्ष से जिस क्रीम का वह उपयोग कर रही थी उसमें स्टेरायड था। इसे निरंतर लगाने से त्वचा पतली हो गई है। अब वह संक्रमण की समस्या से जूझ रही है।

त्वचा रोग विशेषज्ञों ने बताया कि झोलाछाप और अकुशल चिकित्सक चर्म एवं केश संबंधी समस्या के निदान के लिए धड़ल्ले से स्टेराॅयड और एंटीबायोटिक का उपयोग कर रहे है। संक्रमण गंभीर होने पर जब विशेषज्ञ चिकित्सक के पास उपचार के लिए पहुंच रहे हैं तो उन्हें महंगे एंटीबायोटिक इंजेक्शन देना पड़ रहा है। इससे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही है। उन्हें बुखार सहित अन्य संक्रमण हो रहे हैं। गरीब रोगी के लिए इन महंगे इंजेक्शन का व्यय वहन करना मुश्किल होता है।

यहां आ रही समस्या..

  • अवैध क्लीनिक में सौंदर्य निखारने के लिए प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) का हो रहा है। लापरवाही पर रक्त संबंधी संक्रमण का खतरा रहता है।
  • अनाड़ी लेजर ट्रीटमेंट कर रहे हे। दाग-धब्बे हटाने के फेर में त्वचा जला दे रहे हैं।
  • कुछ क्लीनिक स्किन स्पेशलिस्ट होने का भ्रामक प्रचार करते हैं। ऐसे छोटे-छोटे क्लीनिक गली-मोहल्ले में खुल रहे हैं, जहां सीधी नजर नहीं रहती है।
  • उपचार में जेल और थैरेपी के लिए घटिया उपकरणों का उपयोग किया जा रहा है।
  • स्किन ट्रीटमेंट क्लीनिक की चेन वाले कुछ केंद्रों में होम्योपैथी चिकित्सक की नियुक्ति कर उससे एलोपैथी और लेजर का कार्य लिया जा रहा है।
  • ब्यूटी, हेयर पार्लर और झोलाछाप चिकित्सक के यहां से मनमाने लोशन, क्रीम बेचे जा रहे हैं।
  • अवैध क्लीनिक और झोलाछाप चिकित्सकों को प्रभावी लोगों का संरक्षण मिलने से कार्रवाई रुक जाती है। गलत उपचार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।