उत्तर प्रदेश के काशी विश्वनाथ मंदिर में आज से तीन द्वारों से प्रवेश बंद कर दिया गया है. यहां सभी तरह के प्रोटोकॉल पर रोक लगा दी गई है. गंगा के बढ़ते जलस्तर और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर ये फैसला लिया गया है. गाइडलाइन में कहा गया है कि अपनी स्वास्थ्य और सुविधाओं का ध्यान रखते हुए ही सावन के सोमवार पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए आएं.

गंगा के जलस्तर को ध्यान में रखते हुए ललिता घाट के गंगा द्वार एवं अन्य सुरक्षा कारणों से सिल्को द्वार और सरस्वती फाटक प्रवेश द्वार से काशी विश्वनाथ धाम में प्रवेश को रोक दिया गया है. नई गाइडलाइन के बाद 12 अगस्त यानी कि सावन के चौथे सोमवार को कोई प्रोटोकॉल मान्य नहीं होगा. किसी कार्ड पर विशेष कतार की सुविधा भी नहीं दी जाएगी.

कब किस ओर से करें दर्शन?

विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से शनिवार को कहा गया है कि ज्ञानवापी स्थित गेट सं 04 और नंदू फारिया गेट 4बी से प्रवेश की व्यवस्था पहले जैसी ही रहेगी. मंदिर प्रशासन को सावन के चौथे सोमवार पर श्रद्धालुओं की पहले तीन सोमवार की अपेक्षा अधिक भीड़ होने की संभावना नजर आ रही है. इसलिए भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे गोदौलिया-मैदागिन मार्ग से विश्वनाथ मंदिर की ओर जाएं. वहां से जहां कतार दिखाई दे वहीं खड़े हो जाएं. ज्ञानवापी से सीधे मंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. यह भी कहा कि पिछले सोमवारों की अपेक्षा दर्शन में अधिक समय लग सकता है, इसलिए धैर्य से अपनी बारी की प्रतीक्षा करें.

रूट डायवर्जन किया गया

सावन के चौथे सोमवार पर साठ घंटे का रूट डायवर्जन लागू हो गया है. शनिवार देर रात से मंगलवार के सुबह आठ बजे तक ये लागू रहेगा. मैदागिन से गोदौलिया नो व्हीकल जोन रहेगा. मंगलवार की सुबह आठ बजे तक किसी भी तरह के वाहनों की आवाजाही नही होगी. लंका से सामने घाट तक, सोनारपुरा से मदनपुरा होते हुए गोदौलिया तक, गुरुबाग तिराहे से लक्सा होते हुए रामापुरा और गोदौलिया तक, पियरी चौकी से बेनिया तिराहे तक और सुजाबाद से भदऊचुंगी से विशेश्वर गंज से मैदागिन तक भी नो व्हीकल जोन रहेगा.