बसपा सुप्रीमो मायावती ने कांग्रेस पर हमला बोला है. कल यानी शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरक्षण का श्रेय पंडित नेहरू और महात्मा गांधी को दिया था, इस पर मायावती भड़क गईं और उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की बातों में रत्ती भर सच्चाई नहीं है. कांग्रेस के झूठ को उजागर करते हुए कहा कि बसपा चीफ ने कहा कि नेहरू और गांधीजी की वजह से बल्कि बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की वजह से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (SC-ST) को आरक्षण मिला.
मायावती ने ट्वीट कर कहा, कल बीएसपी की प्रेस कान्फ्रेंस के बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दिए बयान की जानकारी मिली. उन्होंने ST-ST को मिले आरक्षण का श्रेय बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को नहीं बल्कि पंडित नेहरू और गांधीजी को दिया, लेकिन इसमें रत्तीभर भी सच्चाई नहीं है. मायावती ने कहा कि जबकि वास्तव में आरक्षण का पूरा श्रेय बाबा साहेब को ही जाता है.
कांग्रेस ने बाबा साहेब को रोकने-हराने का काम किया
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कांग्रेस के लोगों ने तो बाबा साहेब को संविधान सभा में जाने से रोकने का षड़यंत्र रचा और उनको चुनाव में भी हराने का काम किया. कानून मंत्री पद से भी इस्तीफा देने को विवश किया. खरगे ने कहा कि देश में SC-ST वर्गों के उपवर्गीकरण के संबंध में पार्टी के स्टैंड का खुलासा करने के पहले इनकी पार्टी एनजीओ और वकीलों से विचार-विमर्श करेगी.
कांग्रेस SC-ST सब क्लासिफिकेशन के पक्ष में- मायावती
इससे साफ होता है कि कांग्रेस SC-ST उपवर्गीकरण (sub-classification) के पक्ष में है. मायावती ने आगे कहा कि कांग्रेस द्वारा क्रीमीलेयर के बारे में भी गोलमोल बातें की गई है. कांग्रेस के 99 सांसद होने के बाद भी सत्रावसान होने तक संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को निष्प्रभावी बनाने के लिए कोई भी आवाज नहीं उठाई गई जबकि इस पार्टी ने संविधान और आरक्षण को बचाने के नाम पर ये सीटें जीती हैं.
हमारा आरक्षण खत्म करना चाहती है सरकार
सुप्रीम कोर्ट के सब कैटेगरी और SC-ST क्रीमी लेयर को लेकर मायावती ने सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 40 करोड़ लोग सरकार के रुख से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. मायावती ने कहा कि सरकार क्रीमी लेयर और कोटे के अंदर कोटे के बहाने हमारा आरक्षण खत्म करना चाहती है. पीएम मोदी लोगों को भ्रमित कर रहे हैं.
बीएसपी चीफ ने कहा कि केंद्र सरकार ने कई बार आरक्षण को खत्म करने की कोशिश की है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकारें अपने हिसाब से रिजर्वेशन दे सकती हैं और इसके बाद दलितों का रिजर्वेशन खत्म हो सकता है. इससे बचने के लिए हमारे समाज के सभी सांसदों और विधायकों को एकजुट होना होगा.