लोकसभा चुनाव संपन्न होने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण करने के बाद आज से 18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत होगी. लोकसभा का यह सत्र 3 जुलाई तक चलेगा. सत्र के 10 दिन में कुल 8 बैठकें होंगी. इस सत्र की शुरुआत नवनिर्वाचित सदस्य के शपथ से होगी, जो कि दो दिन तक चलेगी. सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बतौर सांसद शपथ लेंगे. पहले दिन कुल 280 सांसद शपथ लेंगे. इसके बाद 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा और 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी.

सत्र के आखिरी दो दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार धन्यवाद प्रस्ताव लेकर आएगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 जुलाई को लोकसभा तो 3 जुलाई को राज्यसभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद दोनों सदनों में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी. पिछले 10 साल में ऐसा पहली बार होगा जब लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने नरेंद्र मोदी के सामने एक मजबूत विपक्ष होगा. सत्र की शुरुआत से ठीक पहले विपक्षी दल और सत्ता पक्ष के बीच प्रोटेम स्पीकर के मुद्दे को लेकर तकरार तेज हो गई है.

प्रोटेम स्पीकर हैं भर्तृहरि महताब

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी नेता और सात बार के सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है. महताब को निचले सदन के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे और लोकसभा स्पीकर के चुनाव तक संसद की कार्यवाही के लिए अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे.

राष्ट्रपति ने लोकसभा के पांच वरिष्ठ सदस्यों- के सुरेश (कांग्रेस), टी आर बालू (द्रविड़ मुनेत्र कषगम), राधा मोहन सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते (दोनों बीजेपी) और सुदीप बंदोपाध्याय (तृणमूल कांग्रेस) को भी नामित किया था, जो 24 जून से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र के पहले तीन दिन में होने वाली प्रक्रिया में महताब की मदद करेंगे.

प्रोटेम स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष आमने-सामने

प्रोटेम स्पीकर को लेकर विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सरकार पर संसद के परंपराओं के उल्लंघन का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने 8 बार के सांसद सुरेश के प्रोटेम स्पीकर के पद पर दावे की अनदेखी की है. हालांकि, संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस के आरोपों को भ्रामक बताते हुए खारिज कर दिया है.

किरण रिजिजू ने कहा कि महताब को इसलिए चुना गया, क्योंकि निचले सदन के सदस्य के रूप में उनका कार्यकाल सबसे लंबा है. रीजीजू ने कहा कि सुरेश आठ बार सांसद रहे हैं, लेकिन 1998 और 2004 में वह लोकसभा के सदस्य नहीं थे, इसलिए संसद के निचले सदन में उनका कार्यकाल निरंतर नहीं रहा. सुरेश ने यह भी कहा था कि प्रोटेम स्पीकर पद के लिए उनके दावे को इसलिए नजरअंदाज कर दिया गया क्योंकि वो दलित समुदाय से आते हैं.

संसद के बाहर इकट्ठा होंगे विपक्षी सांसद

चर्चा है कि लोकसभा के पहले सत्र के पहले दिन विपक्षी इंडिया गठबंधन के सदस्य सुबह संसद परिसर में इकट्ठा होंगे. इसके बाद सभी एक साथ सदन की ओर मार्च करेंगे. ये सभी सदस्य पुराने संसद भवन के गेट नंबर-2 के पास इकट्ठा होंगे, जहां पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा हुआ करती थी. अब इस प्रतिमा के साथ-साथ कई और को दूसरी जगह पर शिफ्ट कर दिया गया है, जिसे प्रेरणा स्थल का नाम दिया गया है.