कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट से पूर्व विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. रंगदारी मांगने के मामले में हाई कोर्ट ने इरफान और रिजवान को जमानत दे दी है. जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने जमानत का आदेश दिया है. हालांकि, इरफान और रिजवान को अभी जेल में ही रहना होगा.

6 दिसंबर 2022 को अकील अहमद खान ने उनके खिलाफ जाजमऊ थाने में रंगदारी मांगने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी. हाई कोर्ट में इरफान सोलंकी की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्ला और विनीत विक्रम ने पक्ष रखा. राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल मौजूद रहे. फिलहाल, जमानत के बाद भी इरफान सोलंकी और रिजवान जेल में ही रहेंगे. इरफान की गैंगस्टर मामले में जबकि रिजवान की दो मामलों में जमानत अभी लंबित है.

महिला ने क्या आरोप लगाया था?

बता दें कि इरफान सोलंकी समेत 5 लोगों को कोर्ट आगजनी मामले में भी दोषी ठहरा चुकी है. दरअसल,जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाली एक महिला ने इरफान सोलंकी, रिजवान सोलंकी व उनके साथियों पर घर में आग लगाने का आरोप लगाया था. महिला के मुताबिक, 7 नवंबर 2022 को जब वो परिवार के साथ शादी में गई थी, इसी बीच इरफान, रिजवान व उनके साथियों ने बेटे को पीटा और घर में आग लगाकर उसे धकेलने की कोशिश की.

गवाह विष्णु सैनी की हार्ट अटैक से मौत

मामले में जब सोलंकी पर मामला दर्ज हुआ तो वो फरार हो गए थे. इस मामले के मुख्य गवाह विष्णु सैनी की इसी साल जनवरी में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. विष्णु ने इरफान के मामले में गवाही दी थी. उनकी गवाही की वजह से ही इरफान को सात साल की सजा हुई थी. सजा के खिलाफ इरफान ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.

आगजनी के मामले के अलावा एक और मामले में विष्णु सैनी प्रमुख गवाह थे, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि पेशी के दौरान इरफान समेत अन्य आरोपियों ने उन्हें धमकाया और रंगदारी मांगी थी. विष्णु की मौत होने के बाद केस पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा धमकाने और रंगदारी मांगने के आरोप में भी विष्णु की गवाही होनी थी, जो अब नहीं हो पाएगी.