तेलंगाना में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग पिछले 22 फरवरी से आठ मजदूर फंसे हुए हैं. तब से उन्हें बचाने के लिए राहत और बचाव का कार्य चल रहा है, लेकिन अभी तक फंसे लोगों का कोई सुराग नहीं मिला था, लेकिन शनिवार को फंसे आठ लोगों में से 4 लोगों का सुराग मिल गया है, लेकिन उनके बचे रहने की संभावना बहुत ही कम है.

राज्य के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने शनिवार को बताया कि सुरंग ढहने के बाद बचाव अभियान में एक सफलता मिली है, जिसमें फंसे कुल आठ लोगों में से चार के बारे में पता लगा लिया गया है.

राज्य के आबकारी मंत्री जुपल्ली कृष्ण राव ने शनिवार को सिंचाई मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी के साथ बचाव अभियान में शामिल अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद कृष्ण राव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में काफी प्रगति हुई है. उन्होंने कहा कि रडार के माध्यम से सुंरग में फंसे चार लोगों के बारे में पता लगा लिया गया है. उन्होंने आशा जताई कि रविवार शाम तक फंसे उन चार लोगों को बाहर निकाल लिया जाएगा.

सुरंग में फंसे चार लोगों का पता चला

उन्होंने कहा कि बचाव दल ने ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) का उपयोग करके 4 व्यक्तियों का पता लगाया. सुरंग के अंदर की स्थिति गंभीर है, यही वजह है कि सरकार इतना समय ले रही है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अन्य चार लोग सुरंग बोरिंग मशीन (टीबीएम) के नीचे फंसे हुए हो सकते हैं.

हालांकि जिन चार लोगों के बारे में पता चला है, जब उनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह पहले दिन ही कह चुके हैं कि उनके बचने की संभावना बहुत कम है. उन्होंने कहा कि 450 फीट ऊंची टीबीएम को बचावकर्मयिों द्वारा काटा जा रहा है.

इस बचाव कार्य में कुल 11 एजेंसियों के कर्मचारी दिन रात लगे हुए हैं, जिनमें सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एससीसीएल, फायर सर्विसेज, एनजीआरआई, हाइड्रा, एससीआर प्लाज्मा कटर और रैट माइनर्स शामिल हैं.

22 फरवरी से सुरंग में फंसे हैं 8 लोग

विपक्षी दलों द्वारा अभियान में देरी की आलोचना किए जाने का जिक्र करते हुए मंत्री कृष्ण राव ने कहा कि इस बचाव अभियान में शामिल लोग अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, लेकिन सुरंग के अंदर कीचड़ सहित अन्य स्थितियों को देखते हुए बचाव कार्य जटिल है.

22 फरवरी से श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एसएलबीसी) सुरंग की ढही हुई छत के नीचे आठ लोग – इंजीनियर और मजदूर फंसे हुए हैं और उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान जोरों पर है.