राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर Tamil Nadu Hizb ut Tahrir (HuT) षड्यंत्र मामले में एक और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. एनआईए इस मामले में अभी भी अपनी जांच जारी रखे हुए है. आरोपी अजीज अहमद को पिछले साल अगस्त में विदेश भागने के दौरान एजेंसी ने बेंगलुरू से गिरफ्तार किया था.
जांच एजेंसी ने अजीज अहमद उर्फ अजीज अहमद उर्फ जलील अजीज अहमद के खिलाफ चेन्नई के पूनमल्ली स्थित एनआईए के स्पेशल कोर्ट में आईपीसी और यूएपीए की अलग-अलग धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है. यह केस RC-01/2024/NIA/CHE प्रतिबंधित आतंकी संगठन एचयूटी द्वारा भारत विरोधी विचारधारा का प्रचार करने और देश में अपने संस्थापक तकी अल-दीन अल-नभानी (Taqi al-Din al-Nabhani) के संविधान को लागू करने की आपराधिक साजिश से संबंधित है.
इस्लामिक खिलाफत स्थापित करने की साजिश
एनआईए की जांच के अनुसार, अजीज उस विवाद का हिस्सा था जिसमें संगठन की सीक्रेट क्लासेज में छात्रों की भर्ती और उसके बाद उनका कट्टरपंथीकरण किया जाना शामिल था. वह अन्य आरोपियों और तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर के सदस्यों के साथ मिलकर राष्ट्र विरोधी ताकतों से सैन्य सहायता (नुसरा, Nusra) लेकर देश में इस्लामिक खिलाफत स्थापित करने के लिए काम कर रहा था.
एनआईए ने पिछले साल अगस्त में आरोपी अजीज को विदेश भागने की कोशिश करते समय बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट से पकड़ा था. तब आरोपी की पहचान अजीज अहमद उर्फ अजीज अहमद उर्फ जलील अजीज अहमद के रूप में की गई थी. तब एनआईए ने छह आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
फरवरी में भी 2 आरोपी हुए थे गिरफ्तार
फिर एनआईए ने इसी मामले में 3 फरवरी को दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों की पहचान कबीर अहमद अलियार और बावा बहरुदीन उर्फ मन्नई बावा के रूप में हुई है, जिन्होंने एचयूटी की विचारधाराओं का प्रचार करने के लिए अन्य लोगों के साथ साजिश रची थी.
भारत सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में यूए(पी) अधिनियम 1967 (UAPA 1967) के तहत हिज्ब-उत-तहरीर और उसके सभी अभिव्यक्तियों और फ्रंट संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिसूचना जारी की थी.