दिल्ली देश की राजधानी है और यहां की सियासत में हर राज्य का अपना-अपना सियासी दबदबा है. यह प्रभाव विधायक चुने जाने में भी देखने को मिला है. दिल्ली की 70 में से 17 सीटों पर बाहरी लोगों को जीत मिली है. इनमें हरियाणा के सबसे ज्यादा 6 विधायक हैं.

बिहार के मधुबनी और हरियाणा के सोनीपत जिले से आने वाले 2-2 नेता दिल्ली में विधायक चुने गए हैं. यह किसी भी जिले का रिकॉर्ड है. दिलचस्प बात है कि बाहरी नेता आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता दोनों से चुनकर आए हैं.

मधुबनी जिले के 2 विधायक

बिहार के मधुबनी जिले के संजीव झा और अनिल झा दिल्ली के विधायक चुने गए हैं. दोनों आम आदमी पार्टी के सिंबल पर विधायक चुने गए हैं. अनिल झा 2008 में पहली बार विधायक चुने गए थे.

अनिल ने राजनीतिक करियर की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ से की थी. बाद में वे भारतीय जनता पार्टी में आ गए. 2025 के चुनाव से पहले अनिल के किरारी से लड़ने की चर्चा थी, लेकिन बीजेपी ने टिकट नहीं दिया.

अनिल आप में चले गए और किरारी से उम्मीदवार बन गए. उन्होंने बीजेपी के बजरंग शुक्ला को पटखनी दी है. इसी तरह संजीव झा भी बुरारी सीट पर जीतकर चौथी बार विधायक चुने गए हैं.

संजीव झा ने जेडीयू के शैलेंद्र कुमार को हराया है. बुरारी सीट पर मिथिलांचल वोटरों का सियासी दबदबा है.

बिहार के ये 3 नेता भी जीते

खगरिया के चंदन चौधरी ने भी दिल्ली चुनाव में जीत दर्ज की है. चंदन चौधरी संगम विहार सीट से बीजेपी उम्मीदवार थे. चंदन ने आम आदमी पार्टी के दिनेश मोहनिया को हराया है. चंदन ने अपनी पढ़ाई-लिखाई दरभंगा यूनिवर्सिटी से की है.

लक्ष्मी नगर सीट से भारतीय जनता पार्टी के अभय वर्मा ने जीत हासिल की है. वर्मा दरभंगा जिले के मूल निवासी हैं. बक्सर के पंकज कुमार सिंह ने भी जीत हासिल की है. पंकज विकासपुरी के रहने वाले हैं.

उत्तराखंड मूल के 2 विधायक जीते

उत्तराखंड से आकर राजधानी दिल्ली की राजनीति करने वाले मोहन सिंह बिष्ट और रवींद्र नेगी भी चुनाव जीत गए हैं. नेगी ने पटपड़गंज सीट पर आम आदमी पार्टी के अवध ओझा को हराया है. पटपड़गंज की सीट पर पिछली बार नेगी आप के मनीष सिसोदिया से काफी करीबी मुकाबले में हार गए.

मोहन सिंह बिष्ट दिल्ली के पहले भी विधायक रह चुके हैं. बिष्ट को मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद सीट पर बड़ी जीत मिली है. बिष्ट ने इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के आदिल हुसैन को हराया है. दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर भी यहीं से चुनाव लड़ रहे थे.

हरियाणा मूल के 6 विधायक जीते

सिरसा के मूल निवासी मनजिंदर सिंह सिरसा ने राजौरी गार्डन सीट से जीत हासिल की है. मनजिंदर बीजेपी सिंबल पर मैदान में उतरे थे. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिरोमणि अकाली दल से की थी.

दिल्ली कैंट सीट पर आम आदमी पार्टी के वीरेंद्र कादियान ने जीत हासिल की है. कादियान हरियाणा के झज्जर के रहने वाले हैं. कादियान ने दिल्ली कैंट में बीजेपी उम्मीदवार को हराया है.

उत्तम नगर सीट पर भी हरियाणा के जींद जिले के पवन शर्मा चुनाव जीत गए हैं. पवन बीजेपी के सिंबल पर मैदान में थे. उन्होंने आप के पूजा बालियान को पटखनी दी है. पूजा पूर्व विधायक नरेश बालियान की पत्नी हैं.

हिसार के राज कुमार भाटिया आदर्श नगर सीट से चुनाव जीत गए हैं. उन्होंने आप को इस सीट पर हराया है. इसी तरह सोनीपत के मूल निवासी करनाल सिंह ने शकूर बस्ती सीट पर सत्येंद्र जैन को हराया है.

सोनीपत के ही रहने वाले तिलक राज गुप्ता बीजेपी सिंबल पर त्रिनगर सीट से जीते हैं.

उत्तर प्रदेश के भी 3 विधायक

ओखला विधानसभा सीट से जीत हासिल करने वाले अमानतुल्लाह खान उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के रहने वाले हैं. अमानतुल्लाह ने ओखला सीट पर बीजेपी के मनीष चौधरी को हराया है. मनीष गुर्जर समुदाय से आते हैं.

मऊ के गोपाल राय भी विधायक चुने गए हैं. गोपाल राय दिल्ली आप के अध्यक्ष भी हैं. गोपाल बाबरपुर सीट से विधायक चुने गए हैं. हापुड़ के मूल निवासी चौधरी मतीन अहमद के बेटे जुबेर ने सीलमपुर सीट से जीत दर्ज की है.

मतीन भी सीलमपुर सीट से कई बार विधायक रहे हैं. कालकाजी सीट से जीत दर्ज करने वालीं आतिशी का होमटाउन पंजाब में है. उनके पिता पंजाब से ही आते हैं.