बांग्लादेश के संस्थापक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के घर को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया है. उनके घर में अभी भी लूटपाट जारी है. शेख मुजीबुर रहमान के घर को ध्वस्त करने के पीछे बांग्लादेश का मुस्लिम कट्टरपंथी और आतंकवादी संगठन है. अलकायदा, हिज्ब-उत-तहरीर और अंसार इस्लाम जैसे आतंकवादी संगठन बांग्लादेश में अशांति के पीछे हैं. इन आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मदद कर रहा है. एक खुफिया रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.
शेख मुजीबुर रहमान के घर को तोड़ने पर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत में बैठकर अपना गुस्सा जाहिर किया है. दूसरी ओर, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का कहना है कि यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि शेख हसीना भारत से भड़काऊ बयान दे रही हैं. बांग्लादेश ने यह भी कहा है कि बंगबंधु के घर को गिराना अनजाने में किया गया था, लेकिन क्या यह वास्तव में सच है? या फिर धानमंडी की घटना के पीछे कोई और खेल चल रहा है?
बांग्लादेश में अशांति के पीछे आतंकी संगठन
विभिन्न खुफिया एजेंसियों की रिपोर्टों में एक के बाद एक आतंकवादी समूहों के नाम सामने आ रहे हैं. खुफिया अधिकारियों का कहना है कि अलकायदा, हिज्ब-उत-तहरीर और अंसार इस्लाम जैसे आतंकवादी संगठन बांग्लादेश में अशांति के पीछे हैं. बांग्लादेश में घटित घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि ये संगठन खुलेआम अपना काम कर रहे हैं, भले ही कागजों पर उन पर प्रतिबंध लगा हुआ है.
धानमंडी में 72 घंटे से हिंसा जारी है. न केवल बंगबंधु के घर, बल्कि बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति और पूर्व सेना प्रमुख के घरों में भी तोड़फोड़ की जा रही है. उस देश की पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रहती है. आरोप लगाए गए हैं कि इस बर्बरता के पीछे सरकार का हाथ है और इस तस्वीर को देखने के बाद खुफिया अधिकारियों का कहना है कि दरअसल, कट्टरपंथियों के उभार के कारण आतंकवादी संगठन तबाही मचा रहे हैं. खबर है कि न केवल बांग्लादेश, बल्कि पाकिस्तान में भी सीमा पर कट्टरपंथी गतिविधियां बढ़ रही हैं.
बांग्लादेश में एक्टिव हुआ ISI
पूर्व एनएसजी अधिकारी दीपांजन चक्रवर्ती का दावा है कि बांग्लादेश में सक्रिय सभी संगठन वास्तव में मुख्य संगठन की शाखाएं हैं. उनके शब्दों में, “वास्तव में आईएसआई इन सभी गतिविधियों में शामिल है. सब कुछ पाकिस्तान की छत्रछाया में हो रहा है. भेदभाव विरोधी आंदोलन बकवास है
सेवानिवृत्त वायुसेना अधिकारी आरके दास के अनुसार, बांग्लादेश इन सभी कार्रवाइयों से वास्तव में अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मार रहा है. उन्होंने कहा, “क्या आप एक घर को ध्वस्त करके सारा इतिहास मिटा सकते हैं?”