अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीय प्रवासियों (Indians Deport From America) को लेकर अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर बुधवार दोपहर अमृतसर पहुंचा. जानकारी के मुताबिक, विमान से उतरे लोगों में 72 पुरुष, 19 महिलाएं और 13 बच्चे थे. इनमें से 30 लोग अकेले पंजाब के निवासी बताए गए. ये सभी डंकी रूट (Donkey Route) से अमेरिका पहुंचे थे. आखिर क्या है ये डंकी रूट. कहां से से यह शब्द आया, चलिए जानते हैं.
अवैध तरीके विदेश जाने के लिए जो रास्त अपनाया जाता है उसे डंकी रूट कहते हैं. डंकी शब्द पंजाबी भाषा के ‘डुंकी’ से आया है, जिसका अर्थ एक स्थान से दूसरे स्थान पर कूदना होता है. सीमा नियंत्रण से बचने के लिए यह एक जोखिम भरी और लंबी यात्रा होती है. इसमें खराब मौसम, भूख, बीमारी, दुर्व्यवहार और कभी-कभी मौत का भी सामना करना पड़ता है.
इस रूट से विदेश यात्रा करने वालों को मानव तस्करों को अच्छी खासी रकम चुकानी पड़ती है. यह रकम लाखों में होती है. दिसंबर 2023 में डंकी रूट तब सुर्खियों में आया था जब फ्रांस ने दुबई से निकारागुआ जा रहे 303 भारतीय यात्रियों वाले एक चार्टर विमान मानव तस्करी के संदेह में रोक दिया था. इनमें से ज्यादातर को वापस भारत भेज दिया गया था.
फरवरी 2024 में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने डंकी रूट से अमेरिका जाने वाले भारतीयों के बारे में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी. रिपोर्ट के मुताबिक, जो डंकी रूट अपनाकर अमेरिका गए थे, उनके परिवारों ने बताया था कि मानव तस्कर दिल्ली और मुंबई से प्रवासियों को टूरिस्ट वीजा पर यूएई ले जाते हैं. वहां से उन्हें वेनेजुएला, निकारागुआ और ग्वाटेमाला जैसे लैटिन अमेरिका के कई ट्रांजिट बिंदुओं से होकर अमेरिका-मेक्सिको सीमा तक पहुंचाया जाता है.अवैध तरीके से बॉर्डर पार करते हुए अगर लोग किसी मुसीबत में फंस जाएं तो दलाल उसे छोड़कर भाग निकलते हैं.
जान पर बन आती है बात
डंकी रूट से जाने वाले कई लोगों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है, वहीं कुछ को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है. खतरनाक मार्गों, बर्फीले पहाड़ों, जंगलों और रेगिस्तानों के जरिये ये लोग अमेरिका तक पहुंचने की कोशिश करते हैं. कई बार प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर्स में बंद कर दिया जाता है या फिर उन्हें वापस भेज दिया जाता है.
किन राज्यों के लोग सबसे ज्यादा हो रहे प्रभावित?
पंजाब, हरियाणा , गुजरात और पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लोग भी बड़ी संख्या में इस रूट से जाने की कोशिश कर रहे हैं. पश्चिमी देशों में रोजगार और बेहतर जीवन की उम्मीद में लोग अपनी जमा पूंजी खर्च कर इस खतरनाक रास्ते को अपनाते हैं.