अमेरिका का सैन्य विमान 104 अवैध अप्रवासी भारतीयों को लेकर पंजाब के अमृतसर में उतरा. जैसे ही फ्लाइट की लैंडिंग हुई सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो गया, जिसमें दावा किया गया कि यात्रा के दौरान लोगों को हथकड़ी लगाई गई और अपमानित किया गया. सरकार ने अब इस मामले पर सफाई दी है और पोस्ट की हकीकत बताई.
पीआईबी फैक्ट चेक के मुताबिक, सोशल मीडिया पर कई अकाउंट से एक फर्जी तस्वीर शेयर की जा रही है, जिसमें दावा किया गया है कि अवैध अप्रवासी भारतीयों को हथकड़ी लगाई गई है और उनके पैरों को जंजीर से बांध दिया गया है. फैक्ट चेक में कहा गया कि इन पोस्ट में शेयर की जा रही तस्वीर भारतीयों से संबंधित नहीं है. इसके बजाय यह ग्वाटेमाला में निर्वासित लोगों को दिखाता है.
वायरल पोस्ट पर क्या बोली कांग्रेस?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर पर कांग्रेस के नेता पवन खेड़ा ने भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने लिखा, अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर, एक भारतीय होने के नाते हमें दुख होता है. दिसंबर 2013 की वह घटना याद है जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और स्ट्रिप सर्च किया गया था. विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिका की राजदूत नैन्सी पॉवेल के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था. यूपीए सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वाइकर्ट, रॉब वुडऑल और मैडेलिन बोर्डालो) से मिलने से इनकार कर दिया था.
उन्होंने आगे लिखा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका की इस कार्रवाई को निंदनीय बताया. भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास को दी जाने वाली कई सुविधाएं वापस ले लीं थी , जिनमें दूतावास कर्मियों के लिए खाद्य पदार्थों और शराब के रियायती आयात की अनुमति भी शामिल थी. जॉन केरी ने देवयानी खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त किया था. अमेरिकी प्रशासन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह को कॉल कर अमेरिका की ओर से खेद प्रकट किया था.
क्या दावा किया गया?
अमेरिकी विमान से लाए गए 104 निर्वासितों में शामिल जसपाल सिंह ने दावा किया कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधी गईं. अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही उन्हें हटाया गया. गुरदासपुर जिले के हरदोरवाल गांव के रहने वाले 36 वर्षीय जसपाल सिंह ने बताया कि 24 जनवरी को अमेरिकी सीमा पार करने के बाद उन्हें अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने पकड़ लिया था.
उन्होंने दावा किया, हमने सोचा कि हमें किसी दूसरे शिविर में ले जाया जा रहा है. फिर एक पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि भारत ले जाया जा रहा है. हमें हथकड़ी लगाई गई और पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं. इन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर खोला गया.