जबलपुर। जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के विज्ञानियों ने कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए उन युवाओं को प्रोत्साहित करने का जिम्मा उठाया है, जिन्होंने स्टार्टअप पर काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन प्रशिक्षण और फंड की कमी से वे सफल नहीं हो पा रहे। इसके लिए जनेकृविवि ने प्रदेशभर से स्टार्टअप आमंत्रित किए, जिसमें करीब 149 स्टार्टअप आए।
इन्हें कई स्तर पर परखने के बाद 41 स्टार्टअप का चयन किया गया । इन पर काम कर रहे युवाओं को देशभर के एक्सपर्ट की मदद से एक माह तक प्रशिक्षण देने के बाद परखा गया, जिसमें अंतिम चरण में 25 स्टार्टअप चयनित किए गए हैं।
अब इन स्टार्टअप पर काम कर रहे युवा केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक्सपर्ट के सामने अपने काम को रखेंगे। एक्सपर्ट को इनका काम पसंद आया, तो आगे बढ़ने के लिए 5 से 25 लाख तक का फंड मिलेगा। इससे पहले कृषि विज्ञानी इन्हें देश के मौजूदा हालात, बाजार और उत्पाद के आधार पर प्रशिक्षण देंगे।
ऑनलाइन प्रेजेंटेशन देकर बताना होगा काम
- 25 स्टार्टअप पर काम करने वालों में गांव और शहर के युवा शामिल हैं, जिन्होंने बाजार की चुनौतियों को स्वीकार करते हुए एक नए आइडिया को लेकर अपना स्टार्टअप तो शुरू कर दिया है, लेकिन उन्हें न तो बाजार की दशा-दिशा समझ आ रही है और न ही वे इसके लिए पर्याप्त फंड जुटा पा रहे हैं।
- ऐसे में कृषि विश्वविद्यालय की मदद उनके लिए किसी सौगात से कम नहीं है। 25 स्टार्टअप से जुड़े लोगों को कृषि एक्सपर्ट की टीम हर स्तर पर प्रशिक्षण देगी। इसके बाद यह सभी 10 से 15 फरवरी के बीच केंद्रीय कृषि मंत्रालय के एक्सपर्ट के सामने ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण देंगे और अपने स्टार्टअप को समझाने का प्रयास करेंगे।
- इन्हें यह भी बताना होगा कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय से जो फंड दिया जाएगा, उसका वे क्या उपयोग करेंगे। सरकार की कोशिश है कि युवाओं को आगे बढ़ने और उनके सपनों को साकार करने के लिए हर संभव मदद की जाना चाहिए।
किसान तक पहुंचेगा स्टार्टअप
कृषि विज्ञानियों द्वारा चयनित किए गए 25 स्टार्टअप में से सभी कृषि पर आधारित हैं। इनमें फूड प्रोसेसिंग से लेकर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एग्रीकल्चर और उससे जुड़े उत्पाद उपलब्ध कराने, कृषि का आसान बनाने के लिए आधुनिक मशीन बनाने और कृषि पर्यटन को बढ़ावा देने जैसे आइडिया हैं।
इन स्टार्टअप में न सिर्फ उत्पाद, ग्राहक और बाजार का ध्यान में रखकर तैयार किया गया है बल्कि गांव के उन किसानों का भी ध्यान रखा है, जिन पर आसानी से कृषि आधारित तकनीक नहीं पहुंचती। इन स्टार्टअप शुरू करने वालों को अपने आइडिया को प्रस्तुति करने के दौरान यह भी बताना होगा कि वे इससे किसानों को कैसे और कब तक फायदा पहुंचाएंगे।
काम के आधार पर मिलेगी राशि
- 25 स्टार्टअप से जुड़े लोगों को केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा किया जाने वाला फंड वापस नहीं करना होगा।
- सभी को देशभर के प्रमुख स्टार्टअप से जुड़े लोगों की मदद से नि:शुल्क प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
- करीब 41 से ज्यादा देश और विदेश के विख्यात अनुभवियों की टीम ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रही है।
- 25 के 25 को ही फंड मिलेगा, जो पांच से 25 लाख के बीच होगा, काम के आधार पर राशि मिलेगी।