इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवमानना मामले में उत्तर प्रदेश के एक IAS अधिकारी को जो सजा सुनाई, वो चर्चा का विषय बन गई है. साहब जब कोर्ट में पेश हुए तो जज ने देखते ही कहा कि आप यहीं बैठ जाइए. जब तक कोर्ट उठ न जाए, आपको बैठे रहना है. फिर क्या था साहब भी बेचारे कोर्ट के आदेश को मानते हुए वहीं बैठ गए और जब तक कोर्ट उठ नहीं गई, वैसे ही बैठे रहे. कोर्ट ने उन पर दो हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया और कहा कि अगर चार जनवरी 2025 तक इसका भुगतान नहीं किया गया तो एक महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई जाएगी.
इन साहब का नाम रजनीश चंद्र है. रजनीश चंद्र उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग में विशेष सचिव हैं. 13 अक्टूबर 2021 को रजनीश चंद्र का IAS कैडर में प्रमोशन हुआ था. प्रमोशन के बाद रजनीश चंद्र 30 अक्टूबर 2021 तक अपर निदेशक समाज कल्याण और सचिव SC/ST के पद पर तैनात थे. इसके बाद उनकी तनाती विशेष सचिव समाज कल्याण विभाग के पद पर हुई, तब से वह इसी पद पर बने हुए हैं.
लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं IAS रजनीश चंद्र
रजनीश चंद्र मूल रूप से उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले हैं. रजनीश चंद्र का जन्म 1966 में हुआ था. बीए और LLB की पढ़ाई करने के दौरान उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. तैयारी करने के दौरान ही उनका सिलेक्शन प्रांतीय सिविल सर्विस यानि पीसीएस में हुआ. IAS कैडर मिलने के पहले रजनीश चंद्र यूपी के कई जिलों में एसडीएम, सिटी मजिस्ट्रेट, एडीएम और मुख्य विकास अधिकारी के पद भी तैनात रह चुके हैं. फिलहाल वह अभी विशेष सचिव समाज कल्याण विभाग के पद पर तैनात हैं.
फतेहपुर की महिला टीचर ने दायर की थी याचिका
वहीं विशेष सचिव IAS रजनीश चंद्र को कोर्ट में बैठने की सजा फतेहपुर की सहायक अध्यापिका सुमन देवी की अवमानना याचिका पर न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने दी. याचिका के मुताबिक, सुमन देवी फतेहपुर के डॉक्टर बी आर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक अध्यापिका थीं. यह विद्यालय समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित किया जाता है. सुमन देवी ने अप्रैल 2022 को अवकाश प्राप्त किया और बीच सत्र में सेवानिवृति होने के कारण उन्होंने नियमानुसार सत्र लाभ देने के लिए आवेदन किया.
हालांकि समाज कल्याण विभाग ने सुमन देवी का आवेदन स्वीकार नहीं किया. इस पर सुमन देवी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. जब विभाग को पता चला कि सुमन देवी कोर्ट चली गईं हैं तो विभाग ने आनन-फानन में उन्हें सत्र लाभ दे दिया. साथ ही विद्यालय में जॉइन करने का निर्देश दिया. सुमन देवी ने 21 जनवरी 2023 को जॉइन किया. हालांकि अप्रैल 2022 से 21 जनवरी 2023 तक के वेतन का भुगतान उन्हें नहीं किया गया. विभाग का कहना था कि इस दौरान उन्होंने कोई काम नहीं किया तो वह वेतन लेने की हकदार भी नहीं हैं.
10 महीने के वेतन का भुगतान नहीं किया
सुमन देवी ने इसके खिलाफ भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की. हाई कोर्ट ने सुमन देवी की याचिका मंजूर करते हुए याची को 1 अप्रैल 2022 से 21 जनवरी 2023 तक के वेतन भुगतान करने का आदेश समाज कल्याण विभाग को दिया. कोर्ट के इस आदेश के बावजूद विशेष सचिव IAS रजनीश चंद्र ने एक आदेश पारित करते हुए कहा कि सुमन देवी ने इस दौरान कोई काम नहीं किया है तो उन्हें वेतन नहीं दिया जा सकता है.
अवमानना याचिका पर कोर्ट ने तलब किया था
आदेश की कॉपी मिलने के बाद सुमन देवी ने इसको लेकर कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की. कोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई की और कोर्ट के पुराने आदेशों को देखा. फिर कोर्ट के आदेश की स्पष्ट अवमानना मानते हुए विशेष सचिव रजनीश चंद्र, जिला समाज कल्याण अधिकारी फतेहपुर और जिला पिछड़ा वर्ग समाज कल्याण अधिकारी प्रसून राय को तलब किया.
विशेष सचिव रजनीश चंद्र ने कोर्ट में माफी मांगी
शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग के विशेष सचिव रजनीश चंद्र हाई कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर माफी मांगी और बताया कि याचिका कोर्ट ने जो आदेश दिया था, उसका पालन कर दिया गया है. याची सुमन देवी के बकाया सभी भुगतान कर दिए गए हैं. हालांकि कोर्ट ने उनकी माफी स्वीकार नहीं की और कोर्ट उठने तक कोर्ट में ही बैठे रहने की सजा और दो हजार रुपए जुर्माना लगाया.