हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है. चौटाला इंडियन नेशनल लोकदल के प्रमुख थे. हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे चौटाला को राजनीति विरासत में मिली थी. चौटाला के पिता चौधरी देवीलाल देश के बड़े किसान नेता थे.

चौटाला ने जेल में पूरी की पढ़ाई

साल 1935 में ओम प्रकाश चौटाला का जन्म हरियाणा के सिरसा में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई-लिखाई के बाद चौटाला राजनीति में आ गए. इस वजह से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए. 1970 में चौटाला पहली बार विधायक बने. 1989 में उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी मिली. इसके बाद वे 4 बार इस कुर्सी पर रहे.

2013 में जब चौटाला को शिक्षक भर्ती केस में सजा हुई तो उन्होंने अपनी 10वीं और 12वीं की पढ़ाई जेल से पूरी की. चौटाला उस वक्त करीब 78 साल के थे.

कोर्ट जाकर रद्द करवाई सदस्यता

1968 में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए. ऐलानाबाद सीट से चौधरी देवीलाल ने बेटे ओम प्रकाश को मैदान में उतारा. पारंपरिक सीट होने की वजह से यहां के चुनाव में पूरे चौधरी के परिवार ने ताकत झोंक दी, लेकिन लालचंद्र खोड़ा से चौटाला हार गए.

चौटाला ने धांधली का आरोप लगाते हुए इस मामले को लेकर हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट चले गए. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1970 में ऐलानाबाद सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई. चौटाला यहां से उपचुनाव में उतरे और जीतकर पहली बार विधायक बने.

भाई से झटक ली मुख्यमंत्री कुर्सी

1989 में देश में लोकसभा के चुनाव हुए और राजीव गांधी की सरकार चुनाव हार गई. चौधरी देवीलाल केंद्र में उप प्रधानमंत्री बनाए गए. उस वक्त देवीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे. देवीलाल के केंद्र में आने के बाद सवाल उठा कि अब सीएम कौन बनेगा?

रेस में उनके छोटे बेटे चौधरी रणजीत चौटाला सबसे आगे थे. वे उस वक्त हरियाणा विधानसभा के सदस्य भी थे. ओम प्रकाश राज्यसभा के सांसद होने की वजह से रेस में सबसे पीछे चल रहे थे, लेकिन देवीलाल ने दिल्ली में ओम प्रकाश के नाम की घोषणा कर दी.

देवीलाल की पहल पर राज्यपाल ने ओम प्रकाश को शपथ भी दिला दी. इस घटना के बाद ही देवीलाल परिवार में सियासी दरार आ गई.

पिता देवीलाल के रिकॉर्ड को तोड़ा

चौटाला को राजनीति अपने पिता देवीलाल से विरासत में मिली थी, लेकिन मुख्यमंत्री रहने के मामले में उन्होंने अपने पिता का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया. ओम प्रकाश चौटाला 5 बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, जबकि देवीलाल सिर्फ 2 बार इस कुर्सी तक जा पाए.

देवीलाल कुल 4 साल तक ही हरियाणा के मुख्यमंत्री रह पाए, जबकि चौटाला के पास करीब 6 साल तक हरियाणा की बागडोर रही. चौटाला हरियाणा विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर भी रहे.

2024 के चुनाव में चौटाला ने ही विपक्षी मोर्चा बनाने की पहल की थी. 2023 में चौटाला के कार्यक्रम में ही विपक्ष के दिग्गज जुटे थे.

संपत्ति को लेकर विवादों में रहे चौटाला

ओम प्रकाश चौटाला अपनी संपत्ति को लेकर भी विवादों में रहे. राजनीतिक करियर के दौरान उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगा. सीबीआई ने साल 2006 में जांच के बाद चौटाला परिवार की कुल संपत्ति 1467 करोड़ बताई थी.

चौटाला परिवार से वर्तमान में अभय चौटाला, अजय चौटाला, रणजीत चौटाला, दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाल, सुनैना चौटाला, आदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला सियासत में सक्रिय हैं.