दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने सभी 70 सीटों पर टिकट घोषित कर दिए हैं तो कांग्रेस ने भी 21 सीट पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. ऐसे में अब सभी की निगाहें बीजेपी की उम्मीदवारों का लिस्ट पर टिकी हुई हैं. कांग्रेस ने जिस तरह से अपने दिग्गज नेताओं और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित को उतारा है, उसी तरह बीजेपी भी क्या अपने पूर्व सांसदों को दिल्ली के सियासी रणभूमि में उतारने का फैसला करेगी? बीजेपी अगर अपने पूर्व सांसद को उतारती है तो दिल्ली का चुनाव केजरीवाल के लिए आसान नहीं रहेगा?

दिल्ली की सत्ता से बीजेपी 1998 से बाहर है और इस बार अपने सियासी वनवास को खत्म करने की कोशिश में है. दिल्ली में बीजेपी की कवायद अरविंद केजरीवाल के अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी के विजय रथ को हर हाल में रोकने की है. हरियाणा और महाराष्ट्र की जीत के बाद बीजेपी दिल्ली की जंग भी फतह करने के लिए कमर कस ली है. इसके लिए बीजेपी ने अपने मजबूत सिपह सलाहकारों को उतारकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ मजबूत चक्रव्यूह रचना चाहती है.

बीजेपी के इन पूर्व सांसदों को लेकर कयासों का बाजार गर्म

बीजेपी के कई बड़े नेताओं के दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है. बीजेपी के पूर्व सांसद रमेश बिधूड़ी से लेकर प्रवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी, हर्षवर्धन, विजय गोयल और स्मृति ईरानी जैसे दिग्गज नेताओं की विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने के कयास लगाए जा रहे हैं. प्रवेश वर्मा ने खुद ही मीडिया से कह दिया है कि पार्टी नेतृत्व ने उन्हें नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है. हालांकि, बीजेपी ने प्रवेश वर्मा के नाम का सार्वजनिक ऐलान नहीं किया है.

प्रवेश वर्मा पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से दोबारा बीजेपी के टिकट पर सांसद रह चुके हैं, लेकिन 2024 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था. ऐसे में प्रवेश वर्मा विधानसभा चुनाव में नई दिल्ली सीट से केजरीवाल के खिलाफ किस्मत आजमाना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने बाकायदा अपने पोस्टर भी लगा दिए हैं और चुनावी एक्सरसाइज भी शुरू कर दी है. प्रवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और जाट समुदाय से आते हैं. बाहरी दिल्ली के इलाके में उनकी ठीक-ठाक पकड़ मानी जाती है.

रमेश बिधूड़ी के चुनाव लड़ने की भी चर्चा तेज

दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट से दो बार सांसद रहे रमेश बिधूड़ी के भी विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में रमेश बिधूड़ी का टिकट काट दिया था और उनकी जगह रामवीर विधूड़ी को प्रत्याशी बनाया था. रमेश बिधूड़ी लोकसभा सांसद रहने से पहले तुगलकाबाद से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं. दिल्ली के तेज तर्रार बीजेपी नेता माने जाते हैं और गुर्जर चेहरा हैं. माना जा रहा है कि रमेश बिधूड़ी अगर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी उन्हें उनकी परंपरागत सीट या फिर दक्षिण दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतार सकती है. कालकाजी से अगर उन्हें उतारती है तो उनका मुकाबला सीएम आतिशी से होगा.

नई दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रही मीनाक्षी लेखी को 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिल सका था. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी अब मीनाक्षी लेखी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतार सकती है. मीनाक्षी लेखी किस सीट से लड़ेंगी, यह तस्वीर अभी साफ नहीं है, लेकिन एक बात साफ है कि नई दिल्ली लोकसभा की किसी विधानसभा सीट से किस्मत आजमा सकती है.

हर्षवर्धन को लेकर भी अटकलें

चांदनी चौक से दो बार सांसद रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन को लेकर भी अटकलें है. उन्हें कृष्णा नगर या शकूर बस्ती सीट में से चुनावी रण में उतारा जा सकता है. हर्षवर्धन राष्ट्रीय राजनीति से पहले दिल्ली की सियासत में किस्मत आजमाते रहे हैं. कृष्णा नगर सीट से लगातार विधायक रहे हैं. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे हैं. वैश्य समुदाय के बड़े नेता माने जाते हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल को लेकर भी चर्चाएं तेज हैं. गोयल दिल्ली की राजनीति के मंझे हुए नेता हैं, जिसके चलते उनके भी चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है.

केंद्रीय स्मृति ईरानी अमेठी से सांसद से चुनी जाने से पहले दिल्ली की सियासत में किस्मत आजमाती रही है. 2004 में चांदनी चौक लोकसभा सीट से वो बीजेपी के टिकट पर कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ी थी, लेकिन जीत नहीं सकी. इसके बाद बीजेपी ने उन्हें राज्यसभा भेजा था. दो बार गुजरात से राज्यसभा रही और 2024 में अमेठी सीट से चुनाव हार गई है. इसके बाद से ही उनके दिल्ली की सियासत में सक्रिय होने की चर्चा है.

हाल ही में दिल्ली बीजेपी के नेताओं से मिली थीं स्मृति

स्मृति ईरानी ने हाल ही में दिल्ली बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है, जिसके बाद उनके दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. स्मृति ईरानी का नाम इसलिए भी सुर्खियों में छा रहा, क्योंकि दिल्ली बीजेपी की ओर से सीएम पद को लेकर अब तक कोई चेहरा स्पष्ट नहीं है. ऐसे में बीजेपी अगर उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतारती है तो फिर सियासी संग्राम जबरदस्त तरीके से देखने को मिल सकता है. अब देखना है कि बीजेपी दिल्ली के चुनाव में अपने किस दिग्गज को उतारती है और किसे नहीं, यह उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद ही तस्वीर साफ होगी?