लुधियाना: खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा  लुधियाना जिले के लगभग 1850 राशन डिपुओ पर “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न” योजना से जुड़े 4,66162 राशन कार्ड धारकों से संबंधित 17 लाख से अधिक सदस्यों को फ्री गेहूं मुहैया करवाने का काम शुरू कर दिया गया जिसमें योजना से जुड़े प्रत्येक लाभ पात्र परिवार को नवंबर महीने से लेकर 31 जनवरी तक के 3 महीना का अनाज दिया जाएगा l

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक राशन कार्ड में दर्ज प्रत्येक सदस्य को 5 किलोग्राम प्रति महीने के हिसाब से 3 महीने की 15 किलो गेहूं बिल्कुल फ्री दी जाएगी l जानकारी के मुताबिक विभाग द्वारा दी जाने वाली फ्री गेहूं का लाभ प्राप्त करने में वह राशन कार्ड भी शामिल होंगे, जिनकी फिलहाल किन्ही कारणों के चलते अभी तक के ई.के.वाई.सी नहीं हो पाई है, जिसकी पुष्टि राशन डिपो एसोसिएशन से जुड़े एक प्रमुख डिपो होल्डर द्वारा की गई है। नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि कथित तौर पर कि विभाग द्वारा ई.के.वाई.सी की समय सीमा 31 दिसंबर तक बढ़ाए जाने के कारण मौजूदा समय दौरान उन परिवारों के सदस्य को भी कथित तौर पर फ्री गेहूं का लाभ मिलेगा जिनके नाम राशन कार्ड से कट गए हैं या फिर उनके पारिवारिक सदस्य मर चुके हैं। फिलहाल विभागीय अधिकारियों द्वारा मामले की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन ऐसे में यह चर्चाएं  लगातार जोर पकड़ने लगी है कि सरकारी अनाज की कालाबाजारी करने वाले अधिकतर डिपो होल्डर, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी जैसे संगीन आरोपो का सामना करने वाले खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कर्मचारियों द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों को मिलने वाली फ्री गेहूं पर डाका डालने के लिए अभी से हथकंडे अपनाने शुरू कर दिए गए हैं। जिसमें अधिकतर डिपो होल्डरो और विभागीय कर्मचारियों द्वारा  राशन कार्ड धारकों को गुमराह कर उनके पारिवारिक सदस्यों के हिस्से की गेहूं हड़पने के लिए कई तरह के झूठे किस्से कहानियां सुनाई जा सकती है, ऐसे में गेहूं के स्टॉक संबंधित राशन डिपो पर पहुंचने और गेहूं वितरण प्रणाली का काम शुरू होने पर उक्त सभी चर्चाओं की जमीनी सच्चाई जल्द ही आम जनता के सामने होंगी  l

अब अगर बात की जाए केंद्र की मोदी सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न” योजना से जुड़े लाखों राशन कार्ड धारकों को फ्री गेहूं का लाभ मुहैया करवाने से बाजार में आटे की कीमतों को लगी आग पर फिलहाल कुछ समय के लिए अंकुश लग सकता है l क्योंकि मौजूदा समय दौरान कई बड़े मिलर आटे और गेहूं की जमकर मुनाफाखोरी और कालाबाजारी कर रहे हैं जिसके कारण मौजूदा समय दौरान बाजार में 10 किलो वाली आटे की थैली 450 रुपए का आंकड़ा पार कर चुकी है जिसके कारण राज्य के लाखों गरीब जरूरतमंद और मेहनतकश परिवारों में हाहाकार मची हुई है l ऐसे में अब फ्री में सरकारी गेहूं घर-घर तक पहुंचने के कारण बाजार में गेहूं की डिमांड पहले के मुकाबले कुछ काम हो जाएगी जिसके कारण आटे की कीमतें फिलहाल हमने की संभावनाएं बन गई है l