बिहार की राजधानी पटना से ट्रैफिक डीएसपी के धौंस दिखाने का मामला सामने आया है. एक बुजुर्ग का आरोप है कि डीएसपी ने खाकी वर्दी की डर दिखाकर उसके साथ मारपीट की है. साथ ही घर को जबरन लिखवाने के प्रयास भी किए थे. पूरी घटना का एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें दो पुलिसकर्मी बुजुर्ग को धक्का देते हुए नजर आ रहे हैं. कोर्ट के आदेश के बाद आरोपी डीएसपी और उसके साथियों के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कर ली गई है.

कदमकुआं क्षेत्र के रहने वाले बुजुर्ग विजय कुमार (69) ने आरोप लगाया है कि 9 सितंबर 2024 की शाम करीब 5 बजे वह अपने बीमार बेटे के साथ घर पर बैठे थे, उनकी पत्नी बीमार बेटे को खाना खिला रही थी. उसी वक्त भागलपुर के ट्रैफिक डीएसपी आशीष कुमार सिंह, कुंदन सिंह, अनीता सिंह और कुछ अन्य लोग अचानक घर में घुस गए और इन सब लोगों ने मुझे और मेरी पत्नी को घेर लिया. इसके बाद वह हमसे मारपीट करने लगे.

पिस्तौल के दम पर कराएं जबरन साइन

आरोपियों ने हमें धमकाते हुए पिस्तौल के दम पर एक हजार रुपए के सादा स्टांप पेपर पर हमारे साइन करवा लिए. जब हमने इस बात की शिकायत थाने में की तो हमारी शिकायत दर्ज नहीं की गई. इसके बाद बुजुर्ग ने थक हारकर कोर्ट से न्याय की गुहार लगाई. कोर्ट के आदेश होने पर ट्रैफिक डीएसपी आशीष कुमार, साधना कुमारी, अनिता सिंह और रौनक प्रताप सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया हैं.

पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

पीड़ित बुजुर्ग विजय कुमार ने बताया कि उन लोगों ने हमें बहुत पीटा, कई बार जबरन हमारा घर अपने नाम पर करने की कोशिश करते रहे. हमने इसकी शिकायत 9 सितंबर 2024 को नजदीकी थाने में की, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. दूसरे दिन भी दोपहर 12 बजे अनिता कुमारी, अंशु कुमारी, रौनक कुमार, कुंदन कुमार, अभय प्रताप सिंह और कदमकुआं थाने के तीन पुलिसकर्मी वर्दी में घर आए.

धक्का देते हुए ले गई पुलिस

उन्होंने हमें दोबारा धमकाते हुए कहा कि अगर तुमने घर साधना कुमारी को घर नहीं लिखा, तो हम तुम लोगों को बर्बाद कर देंगे. इसके बाद हम लोगों को जबरन धक्का देते हुए घर से पुलिस थाने ले गए और वहां भी हम पर घर लिखने का दबाव बनाया गया. बुजुर्ग विजय कुमार व्यवहार न्यायालय के सेवानिवृत कर्मी है. वहीं, घटना के बाद से उनका परिवार डरा सहमा हुआ है.