भारत के माटी के खेल खो खो का पहली बार वर्ल्ड कप होने जा रहा है। खो खो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा आयोजित और भारतीय युवा मामले और खेल मंत्रालय द्वारा समर्थित इस टूर्नामेंट का उद्देश्य देसी खेल खो खो को वैश्विक मंच पर लाना है। खो खो वर्ल्ड कप 13 से 19 जनवरी को नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। महाभारत कालीन के इस खेल को आज दुनिया के पटल पर लाने की जोरदार कोशिश की जा रही है।
भारत के प्राचीन खेल “खो खो” के पहले वर्ल्ड कप के आयोजन से भारतीय मिटटी से जुड़े इस खेल को वैश्विक स्तर पर पहचान स्थापित करने में मदद मिलेगी और भविष्य में ओलिंपिक और एशियाई खेलों में प्रवेश का रास्ता प्रशश्त हो जायेगा। पीछा करने के सदियों पुराने रोमांचक खेल खो खो की जड़ें भारतीय पौराणिक कथाओं में हैं। इतिहास में इसका वर्णन मौर्या शासनकाल चौथी ईसा पूर्व में मिलता है। खो खो खेल का वर्णन महाभारत काल में भी किया गया है। इस खेल के आधुनिक स्वरूप की शुरूआत महाराष्ट्र में हुई थी जोकि आज दुनिया के सभी महाद्वीपों तक पहुंच गया है। वर्ष 1914 में बाल गंगाधर तिलक ने पहली बार खो खो खेल के नियमों पर रूल बुक लिखी।
विश्व के खेल इतिहास में खो खो की एंट्री 1936 में बर्लिन ओलिंपिक में डेमो खेल से मानी जा सकती है जब अडोल्फ हिटलर ने इस खेल को सराहा। बर्ष 1996 में पहली बार खो खो की पहली एशियाई चैंपियनशिप आयोजित की गई। बर्ष 2010 में इस खेल को पहली बार इंडोर मेट पर खेलना शुरू किया गया। खो खो फेडरेशन ऑफ़ इंडिया का लक्ष्य है कि 2032 में होने वाले ओलंपिक में इस खेल को शामिल किया जाए। भारत सरकार कई स्वदेशी खेलों को बढ़ावा दे रही है और 2025 में खो खो विश्व कप के उद्घाटन संस्करण की मेजबानी करना उसी दिशा में एक कदम है। भारत के प्राचीनतम खेलों में से एक खो खो के इस विश्व कप का उद्घाटन संस्करण का आयोजन 13 से 19 जनवरी 2025 के बीच नई दिल्ली में होगा।
इस समय खो खो विश्व के सभी महाद्वीपों 54 देशों में खेला जा रहा है तथा 2025 के अंत तक खो खो दुनिया भर के 90 देशों में अपनी उपस्थिति रजिस्टर कर लेगा। इस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड, जर्मनी, हॉलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका सहित छह महाद्वीपों के 24 देश भाग लेंगे जिनमें 16 पुरुष और 16 महिला टीमें शामिल होंगी जबकि कुछ देश ऑब्जरवेशन डेलिगेट भेजेंगे। प्रत्येक खो खो टीम में 18 सदस्य होंगे जिसमे 15 खिलाड़ी, 01 कोच , 01 मैनेजर और 01 सपोर्ट स्टाफ का सदस्य होगा। इसमें भाग लेने वाली टीमें इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स में आगामी 8 जनवरी से प्रैक्टिस सेशन में भाग ले सकेंगी तथा पूरे परिसर में पीले और हरे रंग की कुल 1200 प्रैक्टिस मैट्स बिछायी जाएंगी।
इस चैंपियनशिप में अफ्रीकी महाद्वीप से घाना, केन्या, दक्षिण अफ्रीका और युगांडा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। एशिया का प्रतिनिधित्व मेजबान भारत के साथ दक्षिण कोरिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश, नेपाल इंडोनेशिया, ईरान और मलेशिया करेंगे। यूरोप से जर्मनी, नीदरलैंड पोलैंड और इंग्लैंड प्रतिभागी होंगे जबकि उत्तरी अमेरिका का प्रतिनिधित्व अमेरिका और कनाडा करेंगे।