भितरवार: डबरा के भितरवार नगर में गुरुवार को करेरा तिराहे पर नगर परिषद के पार्षद और व्यापारी संघ के सदस्य एकजुट होकर धरने पर बैठ गए। धरने का मुख्य कारण दो दिन पहले हुए विवाद में पार्षद और उनके पुत्र सहित 5 लोगों पर दर्ज किए गए एकतरफा मामले का विरोध था। व्यापारियों ने पूरा बाजार बंद करवाया और नगर परिषद के सीएमओ और सफाई कर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज करने की मांग की।

विवाद की पृष्ठभूमि

दो दिन पहले वार्ड क्रमांक 9 के पार्षद सुमित कुमार जैन और उनके पुत्र विक्की जैन का नगर परिषद के सफाई कर्मी से विवाद हो गया था। इस विवाद के बाद पुलिस ने मारपीट और एससी-एसटी एक्ट के तहत पार्षद और उनके पुत्र समेत 5 लोगों पर मामला दर्ज किया। इस कार्रवाई को लेकर पार्षदों और व्यापारी संघ में भारी नाराजगी है।

धरना और बंद का ऐलान

पार्षदों ने एक दिन पहले मुनादी करवा कर बाजार बंद का आह्वान किया था। गुरुवार सुबह से ही व्यापारी संघ और पार्षदों ने करेरा तिराहे पर पहुंचकर धरना शुरू किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद के सीएमओ और सफाई कर्मियों पर भी मामला दर्ज होना चाहिए। धरने पर बैठे पार्षदों ने पुलिस और प्रशासन को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

विरोध की मांगें

1. पार्षद और उनके परिवार पर दर्ज एकतरफा मामले को वापस लिया जाए।
2. नगर परिषद के सीएमओ और सफाई कर्मियों पर भी कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. प्रशासन शहर में निष्पक्षता से कार्यवाही सुनिश्चित करे।

इन्होंने क्या कुछ कहा

सत्येंद्र सिंह यादव, सदस्य व्यापारी संघ, ने कहा, “हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया है, लेकिन प्रशासन की एकतरफा कार्रवाई हमें मंजूर नहीं है। यदि सीएमओ और सफाई कर्मचारियों पर भी मामला दर्ज नहीं हुआ तो हम अपने विरोध को और तेज करेंगे।”

सीताराम प्रजापति, पार्षद पति, ने कहा, “यह कार्रवाई पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष से प्रेरित है। पार्षद और उनके परिवार पर झूठे मामले दर्ज किए गए हैं, हम न्याय की मांग कर रहे हैं।” प्रशासन की प्रतिक्रिया: भितरवार पुलिस और प्रशासन ने धरना स्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। एसडीओपी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और उचित कदम उठाए जाएंगे।

इस घटना के बाद भितरवार नगर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। व्यापारी संघ और पार्षदों के आक्रोश को देखते हुए प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण समय है। अब देखना होगा कि प्रशासन कैसे इस विवाद का समाधान करता है।