पाकिस्तान के दक्षिण पंजाब के मुल्तान में AQI लेवल 2,553 पहुंच गया. ऐसे में बेहद खराब क्वालिटी की हवा मुल्तान दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है. यहां रहने वाले लोगों का सांस लेना मुश्किल हो गया है. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के स्वास्थ्य के लिए ये काफी घातक है. हवा में इतना ज्यादा प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण पंजाब के सार्वजनिक जगहों पर लोगों की एंट्री भी बैन कर दी गई है. सार्वजनिक जगहों, जैसे पार्क, म्यूजियम, जू, खेलने के मैदान आदि जगहों पर लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है. बच्चों के स्वास्थ्य को देखते हुए स्कूल और कॉलेज भी बंद कर दिए गए हैं.

वहीं, भारत में राजधानी दिल्ली की हवा भी काफी प्रदूषित हो गई है. दिल्ली के 12 जगहों का हाल इतना बुरा है कि वहां का AQI लेवर 400 यानि बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है. लोग जहरीली हवा से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोग जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें. अस्पतालों में सांस की बीमारी के मरीजों की संख्या पहले की तुलना में बढ़ गई है. राजधानी में धुंध का असर काफी जगहों पर दिखाई दे रहा है.

पाकिस्तान में आम होता जा रहा है प्रदूषण

पाकिस्तान के ज्यादातर क्षेत्रों में प्रदूषण का कहर जारी है. पंजाब प्रांत में जहां सार्वजनिक जगहों पर जाने पर रोक लगा दी गई है, वहीं स्मॉग के कारण लाहौर के लोगों को बाहर निकलने पर अंधेरा-अंधेरा सा नजर आ रहा. प्रदूषण में इस तरह की बढ़त मुल्तान और बाकी शहरों के लिए एक बड़ा स्वास्थ्य संकट है.

यहां रहने वाले लोगों के लिए प्रदूषण लगातार बढ़ना आम होता जा रहा है. धुंध के कारण पाकिस्तान में रहने वाले लोगों का जहां दम घुट रहा है. वहीं बाहर निकलने पर विजिबिलिटी भी काफी कम हो गई है. जीने के लिए महत्वपूर्ण तत्वों में से एक हवा में प्रदूषण का बढ़ना यहां रहने वाले लोगों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा सकता है.

लाहौर का AQI कितना?

लाहौर भी प्रदूषण की मार झेल रहा है. भारतीय सीमा से सटे इलाकों में AQI लेवल 1,900 तक दर्ज किया गया है. ये पूरा इलाका वायु गुणवत्ता खराब होने से काफी परेशान है. इससे सटे आस-पास के शहरों और गांवों में प्रदूषण की मोटी परत छाई हुई है. यहां पर प्रदूषण बढ़ने के पीछे गाड़ियों से निकलने और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, पराली का जलाया जाना आदि शामिल है.