दुनियाभर में गर्मी हर साल नए रिकॉर्ड तोड़ती है. साल 2023 की बढ़ती तपिश पूरी दुनिया में महसूस की गई. हमारी धरती का अब तक का सबसे गर्म साल होने का रिकॉर्ड 2023 के नाम ही है. लेकिन जल्द ही 2024 भी गर्म साल होने का रिकॉर्ड बनाने वाला है. ऐसा दावा किया है यूरोपियन क्लाइमेट एजेंसी ने.

वैज्ञानिकों ने इस अनुमान को दुनिया के लिए खतरे की घंटी करार दिया है. एजेंसी के मुताबिक ऐसा पहली बार हो रहा है जब इस साल दुनिया 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 डिग्री फ़ारेनहाइट) से अधिक तापमान पर पहुंच गई. एक साल में तापमान का इतना ऊपर जाना 2015 के पेरिस समझौते में तय किए गए टार्गेट से अलग है.

क्या है 2015 का पैरिस समझौता?

2015 में पैरिस में किए गया ये समझौता मूल रूप से वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखने से जुड़ा है. क्योंकि वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि 2 डिग्री से ऊपर के तापमान से धरती की जलवायु में बड़ा बदलाव हो सकता है. जिसके असर से समुद्र तल की ऊंचाई बढ़ना, बाढ़, जमीन धंसने, सूखा, जंगलों में आग जैसी आपदाएं बढ़ सकती हैं. इसलिए इसमें शामिल सभी देशों को वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक रखने की कोशिश करने के लिए कहा गया था.