महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का महासंग्राम शुरू हो गया है. सोमवार को नामांकन वापसी का अंतिम दिन था. महायुति और महाविकास अघाड़ी के कई बागियों ने अपना नामांकन वापस लेकर पार्टी को राहत दी तो कई अभी भी मैदान में डटे हुए हैं. बागी जो अब तक मैदान में डटे हैं उनकी वजह से महायुति और महाविकास अघाड़ी दोनों का सिरदर्द बढ़ने की संभावना है. इसमें बीजेपी की नेता और पूर्व सांसद हिना गावित का नाम भी शामिल है.

हिना गावित ने अक्कलकुवा विधानसभा सीट से अपनी उम्मीदवारी को बरकरार रखा है. उम्मीदवारों की बरकरार रखने के साथ-साथ उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा भी दे दिया है. उन्होंने बीजेपी से बागी रुख अख्तियार करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया था. सोमवार को नामांकन वापसी के आखिरी दिन उन्होंने अपना पर्चा वापस नहीं लिया. ऐसे में अक्कलकुवा की सीट पर महायुति के उम्मीदवार के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है.

मंत्री पिता विजय कुमार नंदुरबार सीट से मैदान में

हिना गावित ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित पार्टी के विभिन्न पदों से भी इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे को लेकर उन्होंने कहा है कि बगावत के कारण पार्टी की छवि खराब न हो इसलिए ये फैसला लिया गया है. हिना गावित राज्य के जनजातीय विकास मंत्री विजयकुमार गावित की बेटी हैं. विजयकुमार गावित नंदुरबार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के उम्मीदवार हैं.

दूसरी ओर, अक्कलकुवा निर्वाचन क्षेत्र से हिना गावित ने महायुति के खिलाफ बगावत कर दी है. गावित की बगावत ने महायुति की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. उन्होंने कहा कि मैंने इस्तीफा इसलिए दिया है ताकि उनकी उम्मीदवारी की वजह से पार्टी को परेशानी न हो. हिना गावित बीजेपी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं.

शिवसेना गुट पर लगाया बीजेपी के खिलाफ काम करने का आरोप

गावित ने यह भी कहा है कि शिवसेना शिंदे गुट लगातार बीजेपी के खिलाफ काम कर रहा है, इसलिए हमने उनके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है. गावित की उम्मीदवारी के कारण, इस निर्वाचन क्षेत्र में हाई वोल्टेज मुकाबला देखने को मिल सकता है.

हिना गावित 2014 के आम चुनाव में महाराष्ट्र की नंदुरबार सीट से मैदान में उतरी थीं और जीत भी हासिल की थी. इसके बाद 2019 में पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया था जिसपर वो खरी उतरी थीं. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में हिना गावित को हार का सामना करना पड़ा.

एकनाथ शिंदे गुट के हिस्से में आई है यह सीट

इस चुनाव हार के बाद हिना गावित विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जोर आजमाइस कर रहीं थी, लेकिन मौका नहीं मिला. महायुति के सीट शेयरिंग फॉर्मूले में यह सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के हिस्से गई. शिवसेना ने इस सीट से आमश्या फुजली पाडवी को टिकट दिया है जबकि महाविकास अघाड़ी की ओर से कांग्रेस ने सी पाडवी को मैदान में उतार है जो कि एडवोकेट भी हैं.