बिहार में विधानसभा की 4 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, लेकिन तेजस्वी यादव की टेंशन कैमूर की रामगढ़ सीट ने बढ़ा रखी है. इसकी एक वजह रामगढ़ सीट का आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह कनेक्शन है. जगदानंद के गढ़ में आरजेडी ने उम्मीदवार उनके ही छोटे बेटे अजीत सिंह को बनाया है, लेकिन इसके बावजूद तेजस्वी के लिए यहां की राह आसान नहीं दिख रही है.

कहा जा रहा है कि अगर रामगढ़ की सीट आरजेडी हारती है, तो सत्ता के सेमीफाइनल में तेजस्वी की यह सबसे बड़ी हार होगी. क्यों और कैसे, इसे विस्तार से समझते हैं…

रामगढ़ जगदानंद सिंह का गढ़

कैमूर की रामगढ़ विधानसभा सीट को जगदानंद सिंह का गढ़ माना जाता है. 2015 का चुनाव छोड़ दिया जाए तो यहां 1985 से लेकर अब तक जगदानंद और उनसे जुड़े लोग ही जीतते रहे हैं. 2009 में बक्सर से सांसद बनने के बाद जगदानंद ने यह सीट छोड़ दी थी. जगदानंद इसी सीट से विधायक चुनकर राबड़ी सरकार में मंत्री बने थे.