भिंड। भिंड जिले के किसानों का इस बार सरसों से मोह भंग हुआ है। इसकी वजह अक्टूबर माह में हुई अतिवृष्टि है, क्योंकि अधिक बारिश होने की वजह से किसान समय पर अपने खेत तैयार नहीं कर सके। ऐसे में इस बार गेहूं की ओर किसानों का रुझान बढ़ा है।

बता दें कि अक्टूबर माह के शुरुआत में जमकर बारिश हुई। सरसों की बोवनी के लिए खेत भी इसी समय तैयार किए जाते हैं। लेकिन बारिश की वजह से किसान चाहकर भी कुछ कर नहीं सके। इसके बाद हर साल की तरह डीएपी की किल्लत शुरू हो गई।

सरसों की बोवनी का लक्ष्य

कृषि विभाग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार इस बार जिलेभर में 1.90 लाख हेक्टयेर में सरसों की बोवनी का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से अब तक 1.60 बोवनी हो चुकी है। जबकि पिछले साल जिले में 2.17 हेक्टेयर में सरसों की बोवनी हुई थी।

इसी तरह इस वर्ष 1.20 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी हो चुकी है। जबकि वर्ष 2023 में 1.05 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी हुई थी। इस बार जहां सरसों का रकबा घटा है, वहीं गेहूं के रकबे में वृद्धि हुई है। वहीं जिले में 800 हेक्टेयर में चना और 500 हेक्टेयर में मसूर की बोवनी होना है।

तापमान अधिक होने से दोबारा करनी पड़ रही बोवनी

नवंबर माह की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी इन दिनों दिन का तापमान 33 डिग्री सेल्सियस पर बना हुआ है। इस वजह से जो किसान एक से डेढ़ महीने पहले सरसों की बोवनी कर चुके थे, उनमें से ज्यादा किसानों के खेतों में बीज का ठीक प्रकार से अंकुरण ही नहीं हुआ।

इस वजह से किसानों को फिर से सरसों की बोवनी करना पड़ रही है। इन दिनों अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस पर चल रहा है, जिससे दिन के समय मौसम में गर्माहट है। इस गर्माहट की वजह से जमीन में नमी कम हो रही है।