लेबनान में इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच जंग जारी है. इस बीच सऊदी अरब की ओर से विमानों में भर-भरकर मदद भेजी जा रही है. दरअसल सऊदी अरब की ओर से दुनियाभर को मानवीय सहायता मुहैया कराने वाली KS रिलीफ एजेंसी ने लेबनान के लिए राहत सामग्री भेजी है. एजेंसी ने लेबनान के अलावा अफगानिस्तान और मोरक्को के लोगों को भी मेडिकल सहायता दी है.

लेबनान में इजराइली हमलों के बीच सऊदी अरब की सहायता एजेंसी KS रिलीफ लेबनान को मदद पहुंचाने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है. राजधानी रियाद से लेबनान भेजा गया 18वां सहायता विमान रविवार को बेरूत-राफिक हरीरी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा. इसमें फूड, शेल्टर और मेडिकल सप्लाई था.

13 अक्टूबर से मदद भेज रहा सऊदी अरब

इस राहत सामग्री का इस्तेमाल इजराइली हवाई हमलों से विस्थापित लोगों की मदद के लिए किया जाएगा. सऊदी किंग सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के दिशा-निर्देशों के बाद 13 अक्टूबर को पहला विमान मदद लेकर लेबनान पहुंचा था. सऊदी की स्टेट न्यूज एजेंसी के मुताबिक पहले विमान में मेडिकल और फूड सप्लाई भेजी गई थी. रियाद के किंग खालिद एयरपोर्ट से बेरूत पहुंचे विमान में 40 टन फूड, मेडिकल सप्लाई और रिलीफ मटेरियल भेजा गया था.

फ्रांस और कनाडा भी कर रहे लेबनान की मदद

इसके बाद दूसरा विमान 14 अक्टूबर को 30 टन राहत सामग्री लेकर पहुंचा था. KS रिलीफ एजेंसी के मुखिया डॉ. अब्दुल्लाह बिन अब्दुलअजीज अल-राबिआह के मुताबिक किंगडम दुनियाभर में जरूरतमंदों की मदद कर रहा है, लेबनान को भेजी गई यह मदद भी उसका हिस्सा है. सऊदी के अलावा UAE, तुर्किए, इराक, मिस्र, जॉर्डन, कनाडा, रोमानिया और फ्रांस जैसे देश भी लेबनान को सहायता भेज रहे हैं.

इजराइली हमले से लाखों लोग विस्थापित

इजराइल और हिजबुल्लाह की अदावत दशकों पुरानी है. पिछले साल जब हमास के हमले के जवाब में इजराइल ने गाजा में आक्रमण शुरू किया तो हिजबुल्लाह भी फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए इजराइल पर अटैक करने लगा.

करीब एक साल से जारी संघर्ष सितंबर में अचानक तेज हो गया जब इजराइल ने लेबनान में घुसकर बमबारी शुरू कर दी. इन हमलों में इजराइल ने जहां अपने सबसे बड़े दुश्मनों में से एक नसरल्लाह को मार गिराया तो वहीं उसके उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन का भी सफाया कर दिया. अब तक इजराइली हमलों में मरने वालों की संख्या करीब 3 हजार पहुंच गई है. वहीं 12 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं, इजराइल की भारी बमबारी के कारण इन विस्थापितों को आश्रय स्थल और भोजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है.