चंडीगढ़: दीपावली पर पंजाब के सरकारी अस्पतालों में डाक्टर्स 24/7 ऑन कॉल रहेंगे। सभी जिलों के अस्पतालों के आपातकालीन कक्ष में आतिशबाजी और अन्य दुर्घटनाओं में घायल होने वालों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई है। इमरजेंसी में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का पर्याप्त स्टॉक अस्पतालों में रख दिया गया है। पटाखों से आंखें चोटिल और जलने वालों के लिए बर्न, स्किन और प्लास्टिक सर्जरी के डाक्टर्स को विशेष तौर पर इमरजेंसी में तैनात कर दिया गया है।

पंजाब स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी जिलों के अस्पतालों के अधिकारियों को विशेष निर्देश जारी कर अलर्ट रहने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेशों में दवाओं के स्टॉक से लेकर पेशेंट्स बैड आरक्षण और डाक्टर्स की तैनाती गंभीरता से करने को कहा गया है ताकि रोगियों को तुरंत और समय पर उपचार मिल सके। सभी अस्पतालों में विशेषज्ञों को दीवाली के लिए तैयार रहने के आदेश दिए गए हैं। किसी को भी शहर से बाहर जाने की अनुमति नहीं है। सभी अस्पतालों में विशेषज्ञ मौजूद रहेंगे। दीपावली के दिन आम दिनों की तुलना में सड़क दुर्घटनाएं, जलने और आंख में चोट लगने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। लोग नशा करने के बाद लड़ाई झगड़ा भी करते हैं और सड़क हादसे भी अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा होते हैं। ऐसे में एम्बुलेंस भी अलर्ट पर रहेंगी।

डॉक्टर्स एसोसिएशन ने जारी की Advisory 
उधर, पंजाब सिविल मैडीकल सर्विस एसोसिएशन ने भी दीपावली त्यौहार के मद्देनजर विशेप एडवाइजरी जारी करते हुए एसोसिएशन के प्रधान डॉ. अखिल सरीन ने आतिशबाजी के दौरान सावधानी बरतने और दुर्घटनाएं रोकने के सुझाव देते हुए कहा कि ग्रीन दीपावली मनाएं। दीपों के इस त्यौहार पर दीप प्रज्ज्वलन करें, पूजा अर्चना करें, मिठाई खाएं परंतु पटाखें न फोड़ें। ईको फ्रेंडली दिवाली मनाएं। डा. सरीन ने कहा कि त्यौहार के दिन विशेष व्यवस्थाएं की गई है। आई.सी.यू. और ट्रॉमा वार्ड भी तैयार कर लिए गए हैं। आपातकालीन स्थिति में ऑन-कॉल ड्यूटी के लिए विभाग के परामर्शदाताओं को भी अलर्ट पर रखा है। डाक्टर्स ने एडवाइजरी जारी कर कहा कि तेज आवाज वाले पटाखे फोड़ते समय कान में रुई लगाएं एवं सांस संबंधी समस्या वाले लोग घर के अंदर ही रहें। जलने पर तुरंत पानी डालें और डाक्टर से सलाह लें। पटाखे चलाते समय आंखों का चश्मे से बचाव करें।

मौसम नहीं पटाखों के अनुकूल, हवाएं रहेंगी लॉक पटाखों से करें परहेज
चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल का कहना हैकि दीपावली पर मौसम पटाखों के अनुकूलनहीं है। उत्तर भारत में एंटी साईक्लोन बना होने की वजह से हवाएं लॉक रहेंगी जिसकी वजह से हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ेगी। सांस की समस्या वाले पटाखों से खुद को दूर रखें। ध्यान रहे बीते साल दीपावली के एक दिन बाद पंजाब के कई जिलों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब की श्रेणियों में पाया गया था। दीपावली से पहले पंजाब में औसत वायु गुणवत्ता संतोषजनक और मध्यम श्रेणी में थी जबकि आंकड़े कहते हैं कि दीपावली के बाद बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक 347, अमृतसर में 257, जालंधर में 262, लुधियाना में 268, पटियाला में 240, रुपनगर में 132 दर्ज की गई थी। यहस्थिति तब थी जब पंजाब के अधिकारियों ने केवल ग्रीन क्रैकर्स जलाने की ही अनुमति दी थी। दीपावली के दिन हालांकि हालांकि शाम 4 बजे हवा की गुणवत्ता तुलनात्मक तौर पर बेहतर थी।