लेबनान के हिजबुल्लाह विद्रोही समूह ने नईम कासिम को अपना नया नेता चुना है. हसन नसरल्लाह की मौत के करीब एक महीने बाद हिजबुल्लाह ने अपने नेता का चुनाव किया है. हसन नसरल्लाह की मौत पिछले महीने एक इजराइली हवाई हमले में हुई थी.

हिजबुल्लाह ने बयान जारी कर जानकारी दी कि नईम कासिम समूह में हसन नसरल्लाह की जगह लेंगे. कासिम लंबे समय से नसरल्ला के सहायक के तौर पर काम कर रहे थे और मौत के बाद से वह हिजबुल्लाह के कार्यवाहक नेता के रूप में काम कर रहे थे.

तीन दशक बाद बदला नेता

हसन नसरल्लाह ने लगभग तीन दशकों तक समूह का नेतृत्व किया था. नसरल्लाह के नेतृत्व के दौरान हिजबुल्लाह ने लेबनान में अपनी जड़ें मजबूत की हैं. हिजबुल्लाह की निर्णय लेने वाली शूरा परिषद ने लंबे मंथन के बाद नईम कासिम को अपना नया नेता चुन लिया है.

हसन नसरल्लाह की नीतियों पर होगा काम

हिजबुल्लाह के बयान में साफ किया गया कि वे जीत हासिल होने तक नसरल्लाह की नीतियों पर काम करते रहेंगे और अल-अक्सा और फिलिस्तीनियों को अकेला नहीं छोड़ेंगे.

नसरल्लाह की हत्या को लेबनान में शिया समुदाय के बीच के बड़े झटके के तौर देखा गया क्योंकि उनकी हत्या से पहले ही इजराइल ने समूह के कई वरिष्ठ नेताओं को मौत के घाट उतार दिया था. ऐसे में नईम कासिम की कोशिश होगी कि वह इजराइली आक्रमणों का मुकाबला करने के साथ-साथ अपने लड़ाकों का मोराल भी बूस्ट करें.

लेबनान में मारे गए इजराइली सैनिक

अपने संगठन के नेताओं की हत्या के बाद हिजबुल्लाह देश में इजराइली घुसपैठ का मुकाबला कर रहा है और रोजाना ही इजराइल बस्तियों पर रॉकेट और ड्रोन अटैक कर रहा है. खबरों के मुताबिक हिजबुल्लाह और इजराइल सैनिकों के लड़ाई में पिछले 3 दिनों 48 IDF सैनिकों की मौत हुई है.

दूसरी और इजराइल ने भी लेबनान पर अपने हवाई हमले जारी रखे हैं, जिसकी वजह से 10 लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए हैं और 2 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं.