भारत की पूर्व रेसलर साक्षी मलिक की ऑटो-बायोग्राफी पर लिखी किताब विटनेस रिलीज हो गई है. साक्षी मलिक भारत की पहली और इकलौती महिला रेसलर हैं जिन्होंने ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीता है. साक्षी मलिक ने अब किताब के जरिए अपने जीवन के संघर्ष की कहानी के बारे में बताया है. इस किताब में उन्होंने एक बड़ा खुलासा किया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है. साक्षी ने इस किताब में बताया कि किस तरह उनके साथ भी यौन शोषण हुआ था, लेकिन डर के मारे वह किसी को भी नहीं बता पाईं थीं. लेकिन उन्होंने सालों बाद अपनी चुप्पी तोड़ दी है.

साक्षी मलिक का सनसनीखेज खुलासा

साक्षी मलिक ने खुलासा किया है कि जब वह छोटी थी तब उनके ट्यूशन टीचर ने उनका शोषण किया था. बचपन में ट्यूशन देने वाले टीचर से छेड़छाड़ के बारे में वह अपने परिवार को नहीं बता सकीं थीं क्योंकि उन्हें लगता था कि यह उनकी गलती थी. उन्होंने लिखा, ‘मैं इसके बारे में अपने परिवार को नहीं बता सकी क्योंकि मुझे लगा कि यह मेरी गलती थी. मेरे स्कूल के दिनों में ट्यूशन देने वाला टीचर मुझे प्रताड़ित करता. वह मुझे क्लास लेने के लिए बेवक्त अपने घर बुलाता और कभी कभार मुझे छूने की कोशिश करता. मैं ट्यूशन क्लास के लिए जाने के लिए डरी रहती लेकिन मैं अपनी मां को नहीं बता सकी.’

विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया पर लगाए आरोप

साक्षी मलिक ने कहा कि पिछले साल विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का एशियाई खेलों के ट्रायल्स से छूट लेने के फैसले से बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ उनके विरोध प्रदर्शन की छवि प्रभावित हुई क्योंकि इससे यह अभियान स्वार्थी दिखने लगा. साक्षी इस विरोध प्रदर्शन के तीन मुख्य पहलवानों में से एक थीं. उन्होंने अपनी किताब में बताया कि जब बजरंग और विनेश के करीबी लोगों ने उनके दिमाग में लालच भरना शुरू किया तो उनके विरोध प्रदर्शन में दरार आने लगी. इन तीनों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख शरण सिंह पर अपने कार्यकाल के दौरान महिला पहलवानों के साथ यौन उत्पीड़न का आरोप लगया था और मामला दिल्ली की अदालत में चल रहा है.

साक्षी मलिक ने पिछले साल लिया था संन्यास

साक्षी रोहतक जिले के मोखरा गांव की रहने वाली हैं. उनका जन्म 3 सितंबर, 1992 को हुआ था. उन्होंने सिर्फ 12 साल की उम्र में ही रेसलिंग सिखना शुरू कर दिया था. साक्षी मलिक ने 2016 रियो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था. साक्षी के नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में भी तीन मेडल हैं, उन्होंने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल, गोल्ड कोस्ट 2018 में ब्रॉन्ज मेडल और फिर 2022 में बर्मिंघम में गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा भी कई मौकों पर उन्होंने भारत के लिए मेडल जीते हैं.