उत्तर प्रदेश के सरधना से बीजेपी के विधायक रहे संगीम सोम लगातार विवादों में बने हुए हैं. बीते दिनों एक अधिकारी को धमकाने का ऑडियो वायरल होने के बाद अब संगीत सोम का एक विवादित वीडियो सामने आया है. वीडियो में वह यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि वायरल ऑडियो में उनकी आवाज है और अभी फोन पर तो कम धमकाया है, लेकिन अगर ठीक से काम नहीं करेंगे तो पब्लिक के जूतों से पिटवाऊंगा. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि एक-दो को छोड़ दें तो सभी भगवान क्षत्रीय मां के कोख से पैदा हुए हैं.
गन्ना समिति के चुनाव को लेकर संगीत सोम ने कोपॉरिटिव एआर दीपक थरेजा को फोन पर धमकाया था, जिसका ऑडियो वायरल हो गया था. संगीत सोम ने एआर अधिकारी से कहा था कि मैं जो कहना चाहता हूं, सुन लीजिए, सकोती गन्ना समिति चुनाव में जरा सी गडबड़ की तो दिमाग ठीक कर दूंगा. तुझे ऑफिस उठवा कर लाऊंगा, जहां इलेक्शन हो रहा है. इस दौरान उन्होंने धमकी भरे लहजे में कहा- मिस्टर एआर ये ध्यान रखना. मुझे तीसरी आंख न खोलनी पड़े. मैं जितना समझा रहा हूं, बस उतना समझ लीजिए, तुम जानते नहीं किससे बात कर रहे हो.
2022 के चुनाव हारने के बाद से विवादों में
संगीम सोम को धमकाने वाले ऑडियो को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बीजेपी पर निशाना साधा था. मुरादाबाद में अखिल भारतीय क्षत्रीय महासभा के एक कार्यक्रम में रविवार को बोलते हुए संगीत सोम ने स्वीकार किया है कि ऑडियो में उनकी ही आवाज है. उन्होंने कहा कि एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मैंने एक अधिकारी को धमकाया. दूसरा नेता होता तो क्या कहता कि मेरा वीडियो नहीं है, मेरी आवाज ही नहीं है, लेकिन मैं कहता हूं कि यह मेरी आवाज है और मैंने ही धमकाया है. फोन पर कम धमकाया है, लेकिन अगर सही से अधिकारी काम नहीं करेंगे और कानून का पालन नहीं करेंगे तो उन्हें पब्लिक के जूतों से भी पिटवाऊंगा.
मेरठ जिले की 6 समितियों में सहकारी गन्ना विकास समिति में डेलीगेट चुनाव चल रहें है. गन्ना समिति चुनाव के लिए गुरुवार को नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हुई और शुक्रवार में नामांकन की जांच प्रक्रिया के दौरान कुछ नामांकन पत्र खारिज कर दिए गए थे. संगीत सोम के दो करीबियों के भी पर्चे खारिज कर दिए गए थे, जिसे लेकर उन्होंने कोआपरेटिव के एआर दीपक थरेजा को धमकाने का काम किया था. संगीत सोम पहली बार विवादित बयान नहीं दिया बल्कि 2022 के चुनाव हारने के बाद से ही लगातार विवादों में बने हुए हैं?
बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम फायर ब्रांड नेता माने जाते हैं. 2012 और 2017 में सरधना से बीजेपी के विधायक रहे हैं, लेकिन 2022 में सपा नेता अतुल प्रधान से हार गए हैं. इस हार के बाद से संगीत सोम लगातार विवादों में बने हुए हैं. वह कभी किसी अधिकारी को धमकाते हुए नजर आते हैं तो कभी अपनी ही पार्टी के नेता से जुबानी जंग करते हुए दिखते हैं.
क्या पार्टी में घट रहा है संगीत सोम का कद?
2022 के विधानसभा चुनाव में जाट समुदाय ने सरधना में संगीत सोम का साथ नहीं दिया, तो लोकसभा चुनाव में ठाकुरों ने संजीव बालियान को पूरा स्पोर्ट नहीं किया. ऐसे में संजीव बालियान ने अपनी हार का ठीकरा संगीत सोम पर फोड़ा था. इसके बाद संगीत सोम और संजीव बालियान आमने-सामने आ गए थे. बात इतनी बढ़ गई थी जाट बनाम ठाकुर का मामला बन गया.
संगीत सोम और संजीव बालियान का सियासी सफर एक साथ शुरू हुआ है. 2012 में संगीत सोम सरधना से विधायक चुने, तो संजीव बालियान 2014 में मुजफ्फरनगर से सांसद बने. इन दोनों ही नेताओं पर मुजफ्फरनगर दंगे का आरोप लगा था, जिसे लेकर उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थी. सोम और बालियान हिंदुत्व के नए चेहरे बनकर पश्चिमी यूपी में उभरे थे. संजीव बालियान 2014 और फिर 2019 लोकसभा सांसद बने और केंद्रीय मंत्री बने, जबकि संगीत सोम दोनों बार विधायक तक ही सीमित रहे. संगीम सोम 2022 का विधानसभा चुनाव हार गए. यहीं से संजीव बालियान और संगीत सोम के बीच विवाद पनपा. सोम अपनी हार के पीछे जाट वोटों का कम पड़ना मान रहे थे. संगीत सोम ने इसका ठीकरा संजीव बालियान के सिर पर फोड़ा था.
मुजफ्फरनगर दंगे के बाद पश्चिमी यूपी में संगीत सोम हिंदुत्व के पोस्टर ब्वॉय बनकर उभरे थे. इसके बाद भी उन्हें न ही मंत्री बनाया गया और न ही लोकसभा चुनाव में टिकट मिला. संगीत सिर्फ विधायक तक ही सीमित रहे और 2022 के चुनाव हारने के पार्टी ने उन्हें विधान परिषद सदस्य तक नहीं बनाया और न ही राज्यसभा भेजा. बीजेपी ने पश्चिमी यूपी में संगीत सोम से कम रुतबा रखने वाले नेताओं को राजनीतिक अहमियत देकर आगे बढ़ाने का काम किया. मेरठ के जिला पंचायत अध्यक्ष की कमान भी संगीत सोम के हाथों से निकल गई है. अब गन्ना समिति और कोपॉरेटिव पर भी उनकी पकड़ कमजोर होती जा रही है, जिसके चलते ही उन्होंने एआर को धमकाने का काम किया है.
सब क्षत्रिय मां की कोख से पैदा हुए भगवान- संगीत सोम
पूर्व विधायक संगीत सोम अपनी राजनीतिक प्रासंगिकता को बनाए रखने के लिए खुद को ठाकुर नेता के तौर पर स्थापित करने में जुटे हैं. संगीत सोम ने रविवार को क्षत्रियों का इतिहास बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से ही क्षत्रीय समाज का इतिहास बदलने का काम हो रहा है. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार में एचआरडी मंत्री कौन होते थे और इतिहास बदलने का काम किया. अगर क्षत्रिय समाज का इतिहास किताब से निकाल दिया तो दो पन्नो का इतिहास नहीं बचता है. अरे ये तो वो समाज है अगर भगवान रामचद्रजी को भी जमीन पर आकर आतताइयों से लड़ना था, समाज में सुधार करना था, तो एक क्षत्रिय मां के गर्भ से पैदा हुए. साथ ही उन्होंने कहा कि जितने भी भगवानों को धरती पर आना पड़ा, वो अवतार के रूप में आए. अगर एक या दो को छोड़ दें तो सब क्षत्रिय मां की कोख से पैदा हुए हैं.