भोपाल। देश की खातिर अपना सर्वस्व कुर्बान करने वाले फ्लाइंग ऑफिसर प्रेम रामचंदानी का बलिदान दिवस संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में श्रद्धा के साथ मनाया गया। संस्कार संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कर्नल नारायण पारवानी ने बलिदानी प्रेम रामचंदानी की शौर्य गाथा पर प्रकाश डाला। देश के लिए बलिदान देने वाले इस वीर नायक के प्रति कृतज्ञता प्रकट की गई।

कर्नल पारवानी ने बलिदानी प्रेम के जीवन चरित्र का वर्णन किया और कहा कि उनके जैसे शूरवीर नायक युवाओं के प्रेरणा स्रोत हैं। युवाओं को देश के प्रति समर्पित रहना चाहिए। बलिदानी प्रेम ने नौ बार पाकिस्तान पर हवाई हमला किया। कार्यक्रम में मप्र आवास संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील वासवानी, संस्कार संस्था के सचिव बसंत चेलानी, प्राचार्य आरके मिश्रा, मीनल नरियानी एवं चंद्र नागदेव सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

पाकिस्तानी सीमा में जाकर किया था हमला

कर्नल नारायण पारवानी ने बताया कि जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन हुआ था] तब प्रेम सात साल के थे। उनके अंदर देशभक्ति का जज्बा था। वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और किसी भी विभाग में जा सकते थे, लेकिन उन्होंने वायुसेना में जाते हुए देशसेवा की राह चुनी। 1965 में भारत-पाक युद्ध के दौरान इस वीर फाइटर पायलट ने नौ बार पाकिस्तार की सीमा में घुसकर बम बरसाए, लेकिन दसवें हमले में पाक गोलाबारी से उनके विमान में आग लग गई। उन्हें अपने प्राणों का बलिदान देना पडा। अंतिम क्षणों में इस वीर सैनिक के शब्द थे- ‘मुझे अफसोस है कि अपने देश पर न्यौछावर करने के लिये मेरे पास केवल एक ही जीवन है।’ समारोह में बलिदानी प्रेम के प्रति कृतज्ञता प्रकट की गई।