उत्तराखंड में दंगों और धरना-प्रदर्शन में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ जुर्माना लगेगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टि. जनरल (रिटा.) गुरुमीत सिंह ने इस बाबत एक विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका स्वागत किया है और राज्यपाल के प्रति अपना आभार प्रकट किया है. उत्तराखंड की विधानसभा ने पिछले महीने ही इस विधेयक को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा था.

राज्यपाल लेफ्टि. जनरल (रिटा.) गुरुमीत सिंह ने गुरुवार को इस बिल पर अपनी मंजूरी दे दी. बिल का नाम उत्तराखंड सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति क्षतिपूर्ति वसूली विधेयक रखा गया है. विधेयक के मुताबिक दंगाइयों और पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से नुकसान की पूरी वसूली की जाएगी और 8 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा.

अपराध के खिलाफ कारगर कदम- धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्यपाल को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह कानून अपराध के खिलाफ एक कारगर कदम है. उन्होंने कहा कि दंगों, विरोध प्रदर्शनों और धरनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अपराध की श्रेणी में आएगा. जो भी इसका उल्लंघन करेगा, उसे दंडित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पब्लिक प्रॉपर्टी को डैमेज में व्यक्ति खुद ही जिम्मेदार होगा.

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस कानून का मकसद किसी को खौफ में डालना नहीं बल्कि सरकारी संपत्ति के नुकसान को रोकना है. इस बिल के मुताबिक दंगाइयों को ना केवल संपत्ति के नुकसान की भरपाई करनी होगी बल्कि दंगा नियंत्रण के दौरान सरकारी कर्मचारियों पर होने वाले खर्च का भी भुगतान करना होगा.

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हुआ था दंगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह देश का सबसे कठोर दंगा विरोधी कानून है. हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में दंगों के दौरान भारी मात्रा सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. इस नुकसान को देखते हुए सरकार ने कानून बनाने का संकल्प लिया. मार्च में अध्यादेश के तौर पर यह कानून पहली बार प्रस्तुत किया गया था.

बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की गई जमीन पर अवैध तरीके से बनाये गये एक धार्मिक स्थल को गिराये जाने के बाद वहां दंगा भड़क गया था. दंगाइयों ने काफी उपद्रव मचाया था. दंगाइयों ने एक थाने और वहां खड़े वाहनों में भी आग लगा दी थी. घटना में 6 लोगों की जान चली गई थी. इसके अलावा कई पुलिस कर्मी और पत्रकार घायल हो गए थे.