बिहार में पूर्व विधायक बीमा भारती के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. पूर्णिया पुलिस ने उनके घर की कुर्की-जब्ती की है. कोर्ट के आदेश पर ये एक्शन भवानीपुर के चर्चित व्यवसायी गोपाल यादुका हत्याकांड में हुआ है. इसमें पुलिस ने बीमा भारती के पति अवधेश मंडल और बेटे राजा मंडल को आरोपी बनाया था. अवधेश ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया था. राजा अभी भी फरार है. ऐसे में पूर्णिया पुलिस ने कुर्की-जब्ती की कार्रवाई करने के लिए कोर्ट में एप्लीकेशन दी थी. अब कोर्ट के आदेश के बाद ये एक्शन हुआ है. इस मामले में अभी तक बीमा भारती का कोई बयान नहीं आया है.

पूर्णिया पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा का कहना है कि पूर्व विधायक बीमा के पति और बेटे के खिलाफ वारंट जारी हुआ था. इसमें अवधेश ने आत्मसमर्पण किया था, जबकि राजा फरार है. इसके चलते कुर्की-जब्ती की कार्रवाई हुई है. पूर्व विधायक के घर की कुर्की-जब्ती की भनक लगते ही भारी संख्या में इलाके के लोग आसपास जमा हो गए. हाई प्रोफाइल मामले की गंभीरता को समझते हुए पूर्णिया पुलिस भी मुस्तैद है. किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए तैयार है. इसके लिए जिला मुख्यायल से अतिरिक्त फोर्स भेजी गई है.

कब हुआ था गोपाल यादुका हत्याकांड

पूर्णिया के भवानीपुर बाजार में इसी साल 2 जून को व्यवसायी गोपाल यादुका की हत्या कर दी गई थी. वारदात को भाड़े के शूटर के जरिए अंजाम दिया गया था. पुलिस ने हत्याकांड के बाद 4 आरोपियों को अरेस्ट किया था. मामले की जांच के बाद पुलिस की ओर से कहा गया कि हत्याकांड का मास्टरमाइंड बीमा भारती का बेटा राजा है. गोपाल के हत्या कराने के लिए उसने ही शूटर की व्यवस्था करवाई थी.

संजय भगत तक ऐसे पहुंची पुलिस

हत्या के बाद व्यवसायी के परिवार ने जमीनी विवाद का जिक्र किया था. इस एंगल पर पुलिस ने जांच शुरू की तो सबसे पहले संजय भगत नाम के जमीन ब्रोकर की भूमिका संदिग्ध दिखी. फिर उससे जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाई. इस दौरानबी.कोठी थाना क्षेत्र के भतसारा गांव निवासी अनिरुद्ध यादव का बेटा ब्रजेश यादव पुलिस के हत्थे चढ़ा.

संजय भगत और बीमा के बेटे राजा का कनेक्शन

पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो पता चला कि संजय किसी की हत्या के लिए भाड़े का शूटर खोज रहा था. मगर कोई शूटर नहीं मिला. संजय और बीमा भारती का परिवार पहले से परिचित था. संजय ने बीमा के बेटे राजा को अपनी बात बताई. इस पर उसने 10 लाख रुपये में शूटर की व्यवस्था करवाई. इसके लिए भवानीपुर के ही विशाल को गोपाल की हत्या की सुपारी दी गई. इसके बाद 4 लोगों ने मिलकर व्यवसायी गोपाल यादुका की हत्या कर दी.