लुधियाना : कनाडा में पहुंच कर अपने सपने साकार करने वाले लोगों में होड़ लगी हुई है। लोग किसी न किसी तरह से कनाडा एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद वहां में रहने की कोशिश करते है। बेशक उन्हें वहां पर शरण लेकर ही क्यों न रहना पड़ा। लोगों की इसी लालसा के चलते कनाडा में शरण लेने के लिए दावें करने वाले भारतीयों की गिनती में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। साल 2023 की दूसरी तिमाही से साल 2024 की इसी समय अवधि में 500 प्रतिशत से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई है। जो कि एक चिंता का कारण है। जबकि कनाडा के एयरपोर्ट पर बंगलादेशियों  की तरफ से किए गए दावों में 1200 प्रतिशत और  नाइजीरियाई लोगों की तरफ से किए गए दावों में 700 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है।

माना जा रहा है कि कनाडा बार्डर सर्विसेज एजेंसी की तरफ से की गई सख्ती के बाद ही आकंड़ों में बढ़ोतरी हुई है। जबकि एजेंसी की तरफ से इस बात से इंकार किया जा रहा है। आकंड़ों के अनुसार साल 2024 की दूसरी तिमाही अप्रैल से जून तक कनाडा के एयरपोर्ट पर भारतीयों की तरफ से 6 हजार शरण दावें दर्ज किए गए है। जोकि पिछले समय की तिमाहियों की सख्यां में सबसे अधिक है। साल 2023 में 4720 शरण दावें थे जोकि साल 2024 के मध्य तक ही इससे दोगुणी हो गई थी। कनाडा में भारतीय शरणार्थियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें लंबी प्रक्रिया अवधि, अपने दावों का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत प्रदान करने में कठिनाइयां शामिल है। जबकि बढ़ती गिनती के कारण कनाडा के इमीग्रेशन व शरणार्थी बोर्ड का बैकलॉग बढ़ रहा है।

अप्रैल से जून तक 6000 भारतीयों ने किया शरण लेने का दावा

जानकारी के अनुसार अप्रैल से जून तक फैली 2024 की दूसरी तिमाही में कनाडा के एयरपोर्ट पर भारतीय नागरिकों द्वारा कुल 6,000 शरण दावे दर्ज किए गए। यह आंकड़ा न केवल 2023 की इसी तिमाही की तुलना में 500% की वृद्धि दर्शाता है, बल्कि 2023 की सम्पूर्ण अवधि के लिए भारत से दावों की कुल संख्या को भी पार करता है, जो 4,720 थी। 2024 के मध्य तक, भारतीय नागरिकों से शरण दावों की कुल संख्या पहले से ही पिछले वर्ष की मात्रा से दोगुनी हो गई थी।

किन कारणों से शरण चाहने वालों की गिनती में आई तेजी

माना जा रहा है कि कनाडा में शरण के लिए दावा करने वालों के लिए राजनीतिक तनाव, सामाजिक अशांति और धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में चिंता एक आधार बनाया जाता है। हाल ही में कनाडा एयरपोर्ट पर पहुंचने वालों का कहना है कि एजैंसी की तरफ से सख्ती की गई है और वहां पहुंचने वाले लोगों के साथ सख्ती दिखाई जाती और उन्हें वापस भेजने का कह कर उन्हें शरण के लिए आवेदन करने का विकल्प दिया जाता है। जबकि एजेंसी इस बात से इंकार करती है। भारतीयों को कनाडा में बेहतर अवसर व सुरक्षा की तलाश की इच्छा रहती है। कनाडा की नीतियां, बढ़ रहे दावों की गिनती, वीजी नीतियों में बदलाव भी मुख्य कारण है।