दमोह : आज हम भले ही चांद पर पहुंच गए हों या फिर हमने चंद्रयान को आसमान तक दौड़ा दिया हो लेकिन आज भी हमारे देश में अंधविश्वास की जड़े इतनी मजबूत है कि समाज का आज भी एक बड़ा तबका रूढ़िवादी परंपराओं में जकड़ा हुआ है। इन्हीं अंधविश्वासी टोटकों की वजह से ना जाने कितनी मासूम जिंदगियां अपनी जान से तक हाथ धो बैठती है। ऐसा ही एक बड़ा हादसा टोटका करने जमा हुई दर्जनों बच्चियों में से 4 के बच्चियों की दर्दनाक मौत हो गई।
दमोह जिले के नोहटा थाना क्षेत्र के डूमर गांव में एक बड़ा हादसा तब हुआ जब गांव में बारिश ना होने से परेशान ग्रामीणों ने टोटका करने के लिए गांव की छोटी छोटी बच्चियों को अर्द्धनग्न कर एक टोटके का हिस्सा बनाकर गांव की महिलाओं के साथ एक डंडा लेकर गांव में एक रैली निकालकर दर्जनों बच्चियों को शामिल किया गया। इलाके के लोगों का मानना है कि इस तरह के टोटके करने क्षेत्र में अच्छी बारिश होती है और बारिश के लिए किए गए टोटके में 9 वर्ष से 14 वर्ष तक कि बच्चियां शामिल रही।
जिन्हें स्थानीय रूढ़िवादी परंपराओं के नाम पर अर्धनग्न कर रैली निकाली और क्षेत्र में घुमाया अंधविश्वाससी परंपराएं करने के बाद स्थानीय मंदिर जाकर भंडारे में हिस्सा लिया बाद बच्चियां पास के ही तलैया में नहाने उतरी जहां एक साथ 4 मासूम सांसें थम गई। बच्चियों को निकाल कर इलाज के लिए दमोह जिला अस्पताल लाया गया, जहां ड्यूटी डॉक्टर ने चेक करने के बाद मृत घोषित कर दिया। जिन बच्चियों की दर्दनाक मौत हुई है। उनमें माया बाई पिता अर्जुन सिंह लोधी उम्र 9 वर्ष, राजेश्वरी पिता हनुमत सिंह लोधी उम्र 12 वर्ष और पिंसो पिता यशवंत सिंह उम्र 12 वर्ष तीनों के अलावा एक अन्य भी शामिल है। जिला प्रशासन के अनेक ऐसे कार्यक्रम है जो जन कल्याणकारी योजनाओं के तहत ऐसे पिछड़े इलाकों में जनजागृति लाने कोशिशे की जाए तो यह लोग भी आज के विकसित भारत का हिस्सा बन सकें।