उत्तर प्रदेश की सियासत में बीजेपी ने एक बार फिर से अपने सियासी आधार को मजबूत करने की मुहिम शुरू की है. पसमांदा मुस्लिमों का दांव भले ही 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के काम न आ सका हो, लेकिन पार्टी मुस्लिमों के साथ अपना नाता बनाए रखना चाहती है. बीजेपी ने मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम शुरू की है, जिसके लिए पार्टी के यूपी अल्पसंख्यक मोर्चा ने पांच लाख मुस्लिम सदस्य बनाने का टारगेट रखा है. बीजेपी ने इसके लिए बकायदा छह रथ भी मुस्लिम इलाकों के लिए रवाना किए हैं, जिसके जरिए मुस्लिमों को पार्टी का सदस्य बनाने का काम किया जाएगा.
यूपी अल्पसंख्यक मोर्चे के सदस्यता अभियान के लिए रथ वीडियो वैन को उत्तर प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने रविवार को पार्टी कार्यलय से झंडा दिखाकर रवाना किया है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने टीवी-9 डिजिटल से कहा कि इस रथ के जरिए हम वीडियो चला कर अल्पसंख्यक समाज के पांच लाख सदस्य बनाने का काम करेंगे. ये सदस्यता रथ प्रदेश भर के सभी क्षेत्र में हर एक जिले में जाएगा, जहां यह रथ बीजेपी के विकास कार्यों से लोगों को अवगत कराने के साथ-साथ उन्हें बीजेपी से जोड़ने का भी काम करेगा.
बीजेपी बनाएगी 5 लाख मुस्लिम सदस्य
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने पिछली बार डेढ़ लाख मुस्लिमों को सदस्य बनाया था, लेकिन इस बार उसे बढ़ाकर पांच लाख करने का लक्ष्य अल्पसंख्यक मोर्चा ने रखा है. इसके लिए ही अल्पसंख्यक मोर्चा के द्वारा छह वीडियो रथ निकाले जा रहे हैं, जो मुस्लिम बहुल कस्बे और गांव-गांव में जाकर कैंप लगाकर मुस्लिमों को सदस्य बनाने का काम करेंगे. बासित अली बताते हैं कि कांग्रेस और सपा ने मुसलमानों को डराकर सिर्फ वोट लिए हैं, लेकिन उनके विकास के लिए कुछ नहीं किया है. कांग्रेस और सपा का मुस्लिम प्रेम एक धोखा है.
बासित अली ने कहा कि गरीब मुस्लिमों और तीन तलाक से पीड़ित मुस्लिम बहनों के सम्मान की रक्षा मोदी सरकार ने की है. योगी और मोदी सरकार की नीतियों से मुस्लिम समुदाय को अवगत कराने और बीजेपी की विचारधारा के साथ जोड़ने के लिए अभियान शुरू किया गया है. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आगामी दिनों में उत्तर प्रदेश की जिन 10 विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं, उन सीटों पर खास फोकस किया जा रहा है. इस रथ के माध्यम से हम ज्यादा से ज्यादा अपने लोगों को जोड़ने का काम करेंगे, उप चुनाव वाले क्षेत्रों में काम करेंगे. इस बार पांच लाख मुसलमानों को बीजेपी का सदस्य बनाकर इतिहास रचने का काम करेंगे.
उपचुनाव वाली सीटों पर फोकस
उत्तर प्रदेश की उपचुनाव वाली 10 सीटों पर बीजेपी खास फोकस कर रही है. इसके अलावा 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में मुसलमानों को अपने पाले में लाने की कोशिश में जुटी है. यूपी की जिन 10 सीटों पर चुनाव होने हैं, उसमें मीरापुर, कुंदरकी, सीसामऊ और फूलपुर लोकसभा सीट मुस्लिम बहुल मानी जाती है. इसके अलावा कटेहरी और मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम वोटर अहम रोल में है. यूपी में करीब 20 फीसदी मुस्लिम मतदाता है, जो करीब 140 सीटों पर सियासी प्रभाव रखते हैं.
मुस्लिम वोटों की सियासी ताकत को देखते हुए बीजेपी ने मुस्लिम सदस्य बनाने के लिए खास तौर पर अभियान शुरू किया है ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव की तरह सियासी नुकसान न हो सके. बीजेपी ने डेढ़ लाख सदस्यों को बढ़ाकर पांच लाख करने का प्लान बनाया है.
मुस्लिम वोटिंग पैटर्न से बिगड़ा खेल
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी ने अपनी सियासी पैठ और रूठो को मनाने के लिए सदस्यता अभियान की शुरुआत की है. इसके लिए पांच लाख मुस्लिम को सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है. 2024 लोकसभा चुनाव में मुस्लिमों के वोटिंग पैटर्न देखें तो यूपी में करीब 90 फीसदी मुसलमानों ने कांग्रेस-सपा गठबंधन को वोट दिया था. इसके चलते यूपी में बीजेपी 62 से घटकर 33 सीट पर आ गई है. ऐसे में बीजेपी का पसमांदा मुस्लिम का दांव भी काम नहीं आ सका, जिसके लिए पार्टी ने पिछले डेढ़ साल में व्यापक पैमाने पर प्रचार-प्रसार किए थे.
पसमांदा मुसलमानों को ध्यान में रखकर बीजेपी ने कई कार्यक्रम शुरू किए थे और राज्य में सरकार और पार्टी कैडर दोनों में मुस्लिम समुदाय के नेताओं को प्रमुखता दी थी. उत्तर प्रदेश की मुस्लिम आबादी में लगभग 80 फीसदी हिस्सा रखने वाले पसमांदा मुस्लिमों के मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़ और यहां तक कि वाराणसी जैसे क्षेत्रों में भी बीजेपी को साथ नहीं मिला. बीजेपी को चार फीसदी मुस्लिम वोट ही मिला है. इसीलिए बीजेपी ने इस बार पसमांदा के बजाय सभी मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने की मुहिम शुरू की है.
“बीजेपी को नहीं मिला मुस्लिम वोट”
बीजेपी के यूपी अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली कहते हैं कि यह सच है कि बीजेपी ने पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है. बीजेपी ने उन्हें संगठन में पद देने से लेकर एमएलसी तक मनोनीत किया. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बीस लाख घर और 2.61 करोड़ राशन कार्ड पसमांदा मुसलमानों को दिए गए हैं. बुनकर समुदाय के लिए भी विशेष पहल की गई है. इसके बावजूद मुस्लिमों का वोट बीजेपी को नहीं मिला है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उन्हें जोड़ने का काम न करें.
उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस ने मुसलमानों को बीजेपी का डर दिखाकर वोट हासिल किया है और अब हम फिर से उन्हें जोड़ने के लिए उनके घर तक जाने का काम करेंगे. यही बीजेपी की नीति और रीति है. बीजेपी वोट की राजनीति नहीं करती है बल्कि सेवा और राष्ट्र के लिए काम करती है. पीएम मोदी का मूलमंत्र- सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास है. इसी मंत्र के तहत बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा काम कर रहा है और मुसलमानों को पार्टी से जोड़ने का काम करेगा.