धार-सुसारी। दिल्ली में कोचिंग सेंटर में पानी घुसने की घटना सोमवार रात डही ब्लाक के गांव बड़वानिया के प्राथमिक स्तर के आदिवासी बालक आश्रम परिसर में हो जाती, लेकिन ग्रामीणों की सजगता से टल गई। सभी बच्चे पहली से पांचवीं कक्षा के हैं। आश्रम परिसर में करीब चार फीट तक नाले का पानी भरने से 42 बच्चों की जान आफत में आ गई।
बचने के लिए कुछ बच्चे शौचालय की छत तो कुछ पलंग पर चढ़ गए। इसकी सूचना गांव में पहुंची तो राजू शर्मा, हकीम बोहरा, सुखलाल बघेल, बंटी शर्मा चार पहिया वाहनों से जैसे-तैसे पहुंचे और एक-एक कर बच्चों को डेढ़ घंटे में निकाला। आश्रम में प्रभारी अधीक्षिका निधि जमरा करीब दो घंटे बाद पहुंचीं। दो चौकीदारों के भरोसे आश्रम परिसर को छोड़ दिया गया।
एक-एक कर गोद में उठाकर लाए
डही तहसील में सोमवार रात तेज वर्षा हुई। इससे नाला ओवरफ्लो हो गया और रात करीब एक बजे आदिवासी बालक आश्रम परिसर के साथ ही कमरों तक नाले का पानी भर गया। चौकीदारों ने पुलिस और ग्रामीणों को सूचना दी।
टार्च की रोशनी में पहुंचकर चारों ग्रामीण एक-एक बच्चे को गोद में उठाकर लाए। पानी कम होने पर सभी बच्चों को वाहन से राजू शर्मा के घर लाया गया। डही थाना प्रभारी डीके तड़ेवाल मौके पर पहुंच गए थे।
निर्माणाधीन पुलिया बनी वजह
सुसारी-ही मार्ग पर बड़वानिया में पुलिया का निर्माण किया जा रहा है, जिसकी ऊंचाई निर्माण एजेंसी ने पुरानी पुलिया से कम रखी है। निर्माण की सामग्री और मलबे की वजह से पानी निकासी नहीं हो रही है, जिससे पानी आश्रम परिसर में भर गया।