नीट परीक्षा को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ है. नीट परीक्षा की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है. जिसके बाद अब नीट परीक्षा में गड़बड़ी की आंच बिहार, गुजरात, महाराष्ट्र के बाद प्रयागराज तक पहुंच गई है. जिसके चलते मामले की जांच करने बिहार पुलिस दो दिन पहले प्रयागराज पहुंची थी. एक डॉक्टर और उसके बेटे की तलाश में पुलिस यहां पहुंची थी.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को छापेमारी में डॉक्टर और बेटा नहीं मिला. आरोपी डॉक्टर ऑर्थोपेडिक सर्जन है. प्रयागराज में डॉक्टर का अपना एक अस्पताल भी है. डॉक्टर का नाम आर पी पांडेय है. डॉक्टर ने भी अपने बेटे को नीट की परीक्षा दिलाने के लिए आवेदन फॉर्म भरा था. डॉक्टर आवेदन करने से पहले ही सॉल्वर गैंग के संपर्क में था. डॉक्टर ने बेटे की जगह जोधपुर एम्स के स्टूडेंट से परीक्षा दिलाई थी. आवेदन फार्म में ही डॉक्टर के बेटे की जगह जोधपुर एम्स के छात्र की फोटो लगाई गई थी. उसका फर्जी आधार कार्ड तैयार कराया गया था .
सॉल्वर ने दिया पेपर, हुआ फरार
डॉक्टर के बेटे का एग्जाम सेंटर बिहार के मुजफ्फरपुर के DAV कॉलेज में पड़ा था. यहां परीक्षा के दौरान सॉल्वर को पकड़ भी लिया गया था. हालांकि सॉल्वर हुकमाराम पकड़े जाने के बावजूद सरकारी अमले की लापरवाही के चलते सेंटर से ही फरार हो गया था. जानकारी मिली है कि मुजफ्फरपुर पुलिस ने जोधपुर और बाड़मेर में भी छापेमारी की है डॉक्टर के बेटे की जगह नीट की परीक्षा में शामिल होने वाला आरोपी हुकमाराम राजस्थान के बाड़मेर का ही रहने वाला है.
आरोपी डॉक्टर और बेटा फरार
मामले की जांच कर रही मुजफ्फरपुर पुलिस दो दिन पहले प्रयागराज आई थी. प्रयागराज में डॉक्टर और उसके आरोपी बेटे के कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. हालांकि जानकारी यह मिली है कि छापेमारी से पहले ही डॉक्टर और उसका बेटा फरार हो गया था .आरोपी ऑर्थोपेडिक सर्जन के अस्पताल में भी पुलिस के जाने की जानकारी मिली है. आरोपी डॉक्टर लगातार फरार बताया जा रहा है . प्रयागराज में ही नैनी इलाके में उसका अस्पताल है. अस्पताल में फोन से जानकारी लेने पर पता चला कि वह पिछले कई दिनों से अस्पताल नहीं आ रहे हैं. दावा किया गया कि वह निजी काम से कहीं बाहर गए हुए हैं.