एनडीए की प्रमुख सहयोगी जेडीयू ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर जारी किये गये अपने घोषणापत्र में पत्थरबाजों को लेकर नरम रुख अपनाया है. जबकि बीजेपी का पत्थरबाजों को लेकर अलग रुख है. यानी इस मुद्दे पर दोनों दलों के मतों में अंतर है. बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने कश्मीर में पत्थरबाजों के साथ-साथ राजनीतिक कैदियों की रिहाई का भी वादा किया है. पार्टी की राज्य इकाई ने पत्थरबाजों के मामलों की जांच करने और उन्हें जेलों से रिहा करने के लिए केंद्र सरकार से भी अपील की है.

जेडीयू ने अपने घोषणापत्र में ये दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय को सैकड़ों पत्थरबाज़ों के मामलों की समीक्षा करने और जेलों से उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए पत्र लिखा है. जानकारी के मुताबिक जेडीयू के घोषणापत्र में लिखा है- मामलों की समीक्षा करें और शांति और सुलह को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक कैदियों और पत्थरबाजों की रिहाई की सुविधा प्रदान करें.

840 पत्थरबाज जेलों में बंद हैं

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष जीएम शाहीन ने कहा है- हमें जानकारी मिली है कि घाटी के कई हिस्सों के 840 पत्थरबाज जेलों में बंद हैं. उन पर तब मामला दर्ज किया गया था जब नेशनल कॉन्फ्रेंस या पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी सत्ता में थी.

उन्होंने कहा कि हमने अपने लोगों की रिहाई का वादा किया है और पार्टी केंद्र के साथ इस पर सक्रिय रूप से काम कर रही है. हमने राजनीतिक कैदियों के लिए भी सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है.

जेडीयू का पिछली सरकारों पर निशाना

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष का आरोप है कि पिछली सरकारें इस सांठगांठ में शामिल थीं और पैसे के लिए युवाओं को गिरफ्तार कर रही थीं. और यही वजह है कि उन सबकी रिहाई के गृह मंत्रालय से मामलों की समीक्षा की मांग करनी पड़ी.

जेडीयू ने फिलहाल 18 सितंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए 2 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. पार्टी का कहना है कई उम्मीदवार जो सिस्टम से नाराज थे, वे अब चुनाव के दूसरे चरण में भाग ले रहे हैं. 25 सितंबर को दूसरे चरण का मतदान होगा.

पत्थरबाजों पर बीजेपी से अलग रुख

जाहिर है जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों को लेकर एनडीए में दो अलग-अलग सुर दिखाई दे रहे हैं. बीजेपी का स्पष्ट रुख है कि घाटी में आतंकवादियों के परिवार और पत्थरबाजों को सरकारी नौकरी नहीं दी जाएगी लेकिन जेडीयू ने अपने घोषणापत्र में पत्थरबाजों पर नरम रुख अपना कर बड़ा दांव खेल दिया है.

घाटी में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव

जम्मू-कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में चुनाव हो रहा है. पहला चरण 18 सितंबर, दूसरा चरण 25 सितंबर और तीसरा चरण 1 अक्तूबर को होगा. जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 4 अक्तूबर को आएंगे.