रीवा : रीवा जिले में एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां बदराव गांव में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदरांव के 11 टीचरों ने खुद को ब्रेन ट्यूमर का मरीज बना लिया। हैरान कर देनी वाली बात यह है कि जिन शिक्षकों को कागजों में ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित बताया गया है वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। रीवा कलेक्टर प्रतिभा पाल ने सभी शिक्षकों का मेडिकल चेकअप के लिए बोर्ड बैठाने का फैसला लिया है।

दरअसल 2022 में ट्रांसफर नीति आई थी इसमें गंभीर बीमारी से जूझ रहे कर्मचारियों को ट्रांसफर से छूट दी गई है। तबादले से बचने के लिए कुछ शिक्षकों ने इसी बात का फायदा उठाया और पोर्टल पर गलत फीडिंग करा ली। रीवा जिले के बदरांव में स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बदराव के 11 शिक्षकों ने खुद को ब्रेन ट्यूमर का मरीज बता दिया। जब कलेक्टर ने मेडिकल चेकअप कराने के लिए बोर्ड बैठाने का फैसला लिया तो सभी शिक्षक खुद को पूरी तरह से स्वस्थ होने का दावा करने लगे और सभी ने आवेदन पत्र बनाकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दिया।

सवाल यह है कि जब 2022 से इन शिक्षकों को ब्रेन ट्यूमर बीमारी बताकर हवाला दिया गया तो अभी तक किसी अधिकारी ने इस बात की जांच क्यों नहीं की। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल का कहना है कि हमारे यहां जो शिक्षक हैं कोई भी ऐसी बीमारी से ग्रसित नहीं है ऐसा उन्होंने लिख कर भी दिया है। यह कोई सिस्टम और कंप्यूटर की गड़बड़ी है या फिर जानबूझ कर किया गया जिसमें इनको पीड़ित बताया गया है। यह जांच का विषय है। उन्होंने खुद से आवेदन बनाकर भी संबंधित अधिकारियों को सूचना दी है कि हमें किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है।